'मां कुश्ती मेरे से जीत गयी मैं हार गयी माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके हैं इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001 -2024 . आप सबकी ऋणी रहूंगी माफ़ी। ' -विनेश फोगाट