कुछ दिन पहले अचानक एक नन्हे प्राणी के आने से घर में दहशत फैल गई। पढ़ रहे होते तो अचानक लगता, कोई बग़ल से गुज़रा है। जब तक नज़र जाती, वह ग़ायब हो जाता। ऐसा कई बार हुआ, पत्नी ने भी देखा, महरी ने भी देखा। बाद में पता चला, कोई नन्ही चुहिया है जो घर में घुस आई है और इधर-उधर दौड़-भाग कर रही है।
क़त्ल करके मेरी आँखों में क्यों आँसू उमड़े?
- दिल से
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- 7 Aug, 2024

मुझे लगा, मेरा व्यवहार उन गोरक्षकों से भिन्न कहाँ है जो गायों के साथ किसी दाढ़ीवाले को देखते ही उसपर जानलेवा हमला कर देते हैं! मुझे लगा, मेरा व्यवहार उन बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से अलग कहाँ है जो हसीना वाज़ेद के पलायन के बाद अल्पसंख्यकों पर हमले कर रहे हैं!
चुहिया के आने से दो तरह की चिंताएँ पैदा हुईं। पहली कि यह आई कहाँ से जबकि हम सारे खिड़की-दरवाज़े बंद रखते हैं। दूसरी यह कि अब आ गई है तो इसका क्या करें। कहीं उसने किताबें कुतर दीं तो? पैक किए सामान में दाँत लगा दिए तो? और हाँ, पका हुआ खाना जूठा कर दिया और हमें मालूम न हुआ तो?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश