प्रयागराज में जनवरी में लगने वाले कुंभ मेले की वजह से कई घरों में शहनाइयों की गूँज रुक सकती है जिसके पीछे मुख्य वजह है कुंभ मेले के दौरान आने वाली करोड़ों श्रद्धालुओं की भारी भीड़। मुख्य स्नान पर्वों पर आने वाली भारी भीड़ की वजह से ही जिला प्रशासन की ओर से एक लेटर जारी करके विवाह घरों और गेस्ट हाउस मालिकों को चेतावनी दी गयी है जिसमें साफ लिखा है कि कुंभ के मुख्य स्नान पर्वों के दिन औऱ उसके एक दिन पहले व बाद में किसी तरह के कार्यक्रम की बुकिंग न करें।
ज़िला प्रशासन की ओर से जारी पत्र मिलने के बाद गेस्ट हाउस संचालक सकते में हैं। कई गेस्ट हाउस संचालकों ने ग्राहकों को बुलाकर उन्हें शादी की बुकिंग कैंसल करने को कहा जिसको लेकर कई लोगों का गेस्ट हाउस संचालकों से झगड़ा भी हुआ।
ज़िला प्रशासन के इस फ़रमान से शादी वाले घरों में हड़ंकप मच गया है। कई परिवारों में तो रिश्ते टूटने की भी ख़बरें हैं। लोग अब अधिकारियो से गुहार लगा रहे कि कोई बीच का रास्ता निकाला जाए ताकि किसी की जोड़ी बनने से पहले न टूटे। लोगों की परशानी को देखते हुए उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मिनिस्टर नन्दगोपाल गुप्ता ने शासन स्तर पर बात करके जल्द ही कोई रास्ता निकालने को कहा है इस ख़बर के मीडिया में आने के बाद ज़िला प्रशासन की ओर से सफ़ाई दी जा रही है। जिलाधिकारी का साफ़ कहना है कि शादी या किसी भी आय़ोजन को रोकने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। उनका कहना है कि गेस्ट हाउस संचालकों से अपील की गई है कि वे मुख्य स्नान पर्वों के दिन और उससे एक दिन पहले और बाद में कोई बुकिंग न करें। इसके साथ ही मेला क्षेत्र जाने वाले रास्तों के अलावा शहर के बाक़ी गेस्ट हाउस में होने वाली शादियों में भी इन तारीखों पर सड़कों पर बारात निकालने व गेस्ट हाउस के बाहर गाड़ियाँ पार्क करने पर रोक रहेगी।
लड़की वालों को शादी समारोह नहीं करने के सरकार के आदेश की कॉपी दिखाता होटल मालिक।
प्रशासन के इस फ़रमान से उन परिवारों में हड़कंप मच गया है जिन्होंने संगम जाने वाले रास्तों पर पड़ने वाले शादीघरों को महीनों पहले ही बुक करा लिया था। प्रशासन का कहना है कि ज़्यादा भीड़ आने पर श्रद्धालुओं को इन्हीं शादीघरों में ठहराया जा सकता है इसीलिए यहाँ बुकिंग न करने की अपील की गई है।
अगस्त में ही भेजा था नोटिस
संगम के शहर प्रयागराज में 14 जनवरी से 4 मार्च तक कुंभ का मेला लगने जा रहा है। इस बार के कुंभ में तक़रीबन 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। प्रमुख स्नान पर्व पर एक ही दिन में कई करोड़ की भीड़ आती है। ज़िला प्रशासन ने पहले ही उन बड़े मैदानों व स्कूल-कॉलेजों को गाड़ियों की पार्किंग व श्रद्धालुओं के रैनबसेरे के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला करते हुए मेले के दौरान वहाँ किसी तरह की बुकिंग पर रोक लगा दी थी। इसके बाद शहर से संगम जाने वाले रास्तों पर पड़ने वाले शादीघरों को छह प्रमुख स्नान पर्वों के साथ ही उनसे एक दिन पहले व बाद बुकिंग नहीं करने का फ़रमान जारी किया गया। इन शादीघरों के अलावा शहर के बाक़ी गेस्ट हाउसों में भी होने वाली शादियों में भी इन तारीखों पर सडकों पर बारात निकालने व गाड़ियाँ पार्क करने पर रोक लगाई गई है। करीब पचास से ज़्यादा शादीघरों को अगस्त में पहला नोटिस भेजा गया था और इन दिनों फिर से नोटिस भेजा जा रहा है।हालाँकि प्रशासन ने शादीघरों को इस बात की जानकारी अगस्त में दी थी लेकिन अधिकतर लोग साल भर पहले ही बुकिंग करा चुके थे। वे अब परेशान हैं। कुछ और लोगों को जिन्होंने कहीं और बुकिंग की है, उन लोगों को इस बात की फ़िक्र है कि कहीं उनका शादी समारोह भी आने वाले दिनों में ख़तरे में न पड़ जाए। दरअसल बड़े मैदानों व स्कूल कॉलेजों की फील्ड को कुंभ में वाहनों की पार्किंग बनाया जाता है।
इस पूरे मामले में ज़िलाधिकारी का साफ़ कहना है कि कहीं पर शादी पर रोक नहीं लगाई गई है। संगम के आसपास के इलाक़ों के शादीघरों को एक अडवाइज़री जारी करके अपील की गई है कि मुख्य स्नान पर्वों के दिन उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए कोई बड़ा आयोजन न करें क्योंकि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से शादी के कार्यक्रमों में शामिल होने वालों को परेशानी हो सकती है।इस कुंभ में कितने शाही स्नान?
कुम्भ मेला प्रयागराज यानी इलाहबाद में जनवरी से शुरू हो जाएगा। कुम्भ में जनवरी महीने में मकर सक्रांति और पौष पूर्णिमा स्नान है, जबकि फ़रवरी में मौनी अमवस्या, बसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा का स्नान है। मार्च महीने में भी महाशिवरात्रि का स्नान होगा। कुल छह मुख्य स्नान हैं। यानी क़रीब ज़िला प्रशासन के आदेश के अनुसार क़रीब 18 दिन तक इन होटलों, गेस्ट हाउसों और शादीघरों में शादी समारोह नहीं किए जा सकते हैं।
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