अभी तक जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कायम उपेंद्र कुशवाहा आजकल एम्स, दिल्ली में भर्ती रहकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाकात के कारण चर्चित हो रहे हैं। दूसरी तरफ उनकी अपनी पार्टी यानी जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे बयान दे रहे हैं जिनसे लगता है कि दोनों तरफ से एक बार फिर अजनबी बनने की तैयारी है।
कहने को तो उपेंद्र कुशवाहा एम्स में इलाज करा रहे हैं लेकिन वह वहां शादी जैसे अवसरों पर भी देखे जा रहे हैं। इधर नीतीश कुमार कह रहे हैं कि वह तो दो-तीन बार पार्टी छोड़ कर गए थे और फिर खुद वापस आए। वे यह भी कह रहे कि उपेंद्र कुशवाहा की क्या इच्छा है, यह उनको नहीं मालूम है। नीतीश ने उपेंद्र की बीमारी की बात की चर्चा करते हुए यह भी कहा कि सबको अधिकार है कि जहां इच्छा हो जाए। एक तरह से नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया है कि उनकी ओर से उपेंद्र कुशवाहा स्वतंत्र हैं, अब कुशवाहा को यह फैसला लेना है कि वह कहां रहते हैं।

उपेंद्र कुशवाहा की राजनीतिक गतिविधियां बता रही हैं कि वो बीजेपी के पाले में फिर से जाने को तैयार बैठे हैं। जेडीयू और नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि कुशवाहा ऐसा करने को आजाद हैं। आखिर क्यों कुशवाहा और जेडीयू नजदीक आते-आते दूर होते जा रहे हैं।