बिहार के बक्सर में पुलिस ने मंगलवार रात को किसानों के घर में घुसकर लाठीचार्ज किया। इससे भड़के किसानों ने बुधवार को पुलिस की कुछ गाड़ियों में आग लगा दी और कुछ गाड़ियों में तोड़फोड़ की है।
पुलिस के द्वारा किसानों के घर में लाठीचार्ज करने का वीडियो सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि पुलिसकर्मी एक किसान के घर में घुसे और वहां मौजूद लोगों पर लाठियां चलाई।
एक किसान ने मीडिया को बताया कि वे लोग सोए हुए थे तभी रात को 11 बजे के बाद पुलिस प्रशासन के लोग दल बल के साथ आए और घर के अंदर घुस गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार की महिलाओं के साथ दूसरे सदस्यों को भी पीटा गया।
बक्सर के एसपी मनीष कुमार ने पत्रकारों को बताया कि किसान उत्तेजित हो गए हैं और उन्होंने प्लांट में तोड़फोड़ की है। उन्होंने बताया कि पुलिस हालात को काबू करने में जुटी हुई है।
क्या है पूरा मामला?
स्थानीय किसान पिछले 2 महीने से ज्यादा वक्त से अधिग्रहित की गई अपनी जमीनों के उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों की जमीन चौसा पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई है। पावर प्लांट बनाने वाली कंपनी एसजेवीएन यानी सतलुज जल विद्युत निगम साल 2011-12 से जमीन अधिग्रहण करने का काम कर रही है। बताया गया है कि उस वक्त जिस राशि पर जमीन का अधिग्रहण किया गया था अब वह उससे कम कीमत पर जमीन का अधिग्रहण कर रही है और किसान इसका विरोध कर रहे हैं।
एसजेवीएन लिमिटेड ने पिछले साल यहां पर 1320 मेगावाट का कोयला पावर प्लांट के निर्माण का काम शुरू किया है।
इस मामले में पुलिस ने 9 जनवरी को कुछ किसान नेताओं को गिरफ्तार किया था। लेकिन इसके विरोध में किसानों ने पावर प्लांट के मेन गेट पर ताला जड़ दिया था। इसके बाद मंगलवार रात को पुलिस ने किसानों के घर में घुसकर लाठीचार्ज किया जिसके जवाब में किसानों ने भी आगजनी और तोड़फोड़ की।
पुलिस का कहना है कि किसानों की ओर से पहले हमला किया गया हालांकि किसानों ने इससे इनकार किया है। किसानों ने कहा है कि मुफस्सिल पुलिस स्टेशन के एक सीनियर अफसर अमित कुमार की ओर से पहले हमला किया गया। पुलिस ने अभी इस बात का जवाब नहीं दिया है कि उसने देर रात को किसानों के घरों पर लाठीचार्ज क्यों किया।
निश्चित रूप से बक्सर के हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने कहा है कि पुलिसकर्मियों द्वारा किया गया लाठीचार्ज पूरी तरह हैवानियत है।
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