ग्यारह मार्च 2023 को आरसीपी यानी रामचंद्र प्रसाद सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे और अब उन्हें लग रहा है कि वहां उनका उपयोग नहीं हुआ, इसलिए वह भाजपा छोड़ नई पार्टी बनाने जा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि दो साल से राजनीतिक बियाबान में रहते चले आए आरसीपी बिहार विधानसभा 2025 के विधानसभा चुनाव में किस पार्टी के लिए सिरदर्द बनेंगे?

आरसीपी फिलहाल न तो नीतीश कुमार पर कोई हमला कर रहे हैं, न ही बीजेपी के खिलाफ कटु शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन चुनाव आते-आते उनका इस रुख पर बने रहना मुश्किल लगता है।
इस राजनीतिक बियाबान से निकलने के लिए आरसीपी के समर्थकों ने हाल ही में पटना की सड़कों पर ऐसे होर्डिंग्स लगाए जिनमें उनकी तस्वीर के साथ लिखा था, “टाइगर अभी जिंदा है।” फिर आरसीपी ने खुद ही ऐलान कर दिया कि वह अपनी नई पार्टी बनाएंगे क्योंकि उनके समर्थक ऐसा ही चाहते हैं।