बिहार के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया। वह 74 साल के थे। वह दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में भर्ती थे। उन्हें साँस में तकलीफ़ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह जून में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और कोरोना संक्रमण ठीक होने के बाद के इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'रघुवंश प्रसाद हमारे बीच नहीं रहे। उनके निधन से बिहार के साथ ही देश के राजनीतिक परिदृश्य में भी खालीपन आ गया है।'
रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी से जुड़े रहे थे और लालू प्रसाद यादव के सबसे ज़्यादा विश्वासपात्रों में से एक थे। वह राज्य के वैशाली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे और कांग्रेस के नेतृत्व वाली पहली यूपीए सरकार में ग्रामीण विकास के केंद्रीय मंत्री थे।
क़रीब चार दशकों तक राजनेता के रूप में कार्य करते रहे रघुवंश प्रसाद सिंह को व्यापक रूप से देश के ग्रामीण और कृषि मामले में विशेषज्ञ के रूप में माना जाता था। उन्हें नरेगा (राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी रोजगार) अधिनियम की अवधारणा और कार्यान्वयन का श्रेय दिया जाता है।
लंबे समय तक राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े रहे रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर आरजेडी के कद्दावर नेता तेजस्वी यादव ने श्रद्धांजलि दी और उन्हें राजद के मज़बूत स्तम्भ, प्रखर समाजवादी जनक्रांति पुंज, अभिभावक और पथ प्रदर्शक क़रार दिया।
रघुवंश बाबू की क्रांतिकारी समाजवादी धार राजद के हर कार्यकर्ता के चरित्र में है। उनकी गरीब के प्रति चिंता, नीति, सिद्धांत, कर्म, और जीवनशैली हमेशा हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 13, 2020
राजद को अपनी मेहनत और वैचारिक दृष्टिकोण से सिंचने वाले कर्म के धनी महान व्यक्तित्व को सादर नमन।
प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 13, 2020
मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है। लेकिन आप इतनी दूर चले गए।
नि:शब्द हूँ। दुःखी हूँ। बहुत याद आएँगे।
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