बिहार के मु्ख्यमंत्री नीतीश कुमार लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों और मज़दूरों को वापस अपने राज्य लाने के मुद्दे पर बिल्कुल अलग-थलग पड़ गए हैं। उन्होंने अपने रवैए को थोड़ा लचीला बनाते हुए कहा कि इन लोगों को बिहार वापस लाने के लिए सरकार के पास संसाधन नहीं है, लेकिन यदि केंद्र उन्हें बिहार तक पहुँचा दे तो वह अड़चन भी नहीं डालेंगे।
नीतीश : नियम का पालन
उन्होंने बैठक में एक तरह से आपदा प्रबंधन अधिनियम ही पढ़ डाला और कहा कि वह तो सिर्फ़ नियमों का पालन कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा,
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'हम आदेश लागू कर रहे हैं और इसका उल्लंघन ग़ैरक़ानूनी है, लेकिन कई राज्य इसको धता बताते हुए छात्रों और मज़दूरों को ले गए, इसलिए इस पर एक समान नीति होनी चाहिए।'
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
नहीं झुकेगी सरकार!
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, 'यदि पाँच लोग सड़क पर आकर माँग करने लगें तो क्या सरकार को उनके आगे झुक जाना चाहिए? क्या सरकार ऐसे चलती है?'उन्होंने यह भी कहा कि कोटा में पढ़ रहे छात्र संपन्न घरों के हैं, उन्हें भला क्या दिक्क़त हो सकती है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में कहा कि छात्र कोटा में ही नहीं, दूसरी जगहों पर भी फंसे हुए हैं। सरकार किसी तरह का भेदभाव नहीं कर सकती।
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड बीजेपी की सहयोगी दल है और बिहार में इन दोनों की साझा सरकार है।
योगी से गहरे मतभेद!
बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके पहले बसें भेज कर छात्रों को कोटा से निकाल ले गए हैं। उन्होंने इसके पहले कुछ मजदूरों को नोयडा, ग़ाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद जैसी जगहों से बसें भेज कर निकाला। उन्होंने एलान किया है कि जल्द ही बसें भेज कर जगह-जगह फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों निकाल कर अपने गृह राज्य ले जाएंगे।नीतीश कुमार ने संकेत दिया वह 3 मई के बाद चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाने के पक्ष में हैं।
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