loader

बिहार: मंत्री रामसूरत राय के स्कूल से शराब का जख़ीरा मिलने का आरोप 

बिहार सरकार के भूमि सुधार राजस्व मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामसूरत राय के एक स्कूल से शराब का जखीरा मिलने की ख़बर सामने आई है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने यह आरोप लगाते हुए कहा है कि मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन राय ने तेजस्वी के आरोपों को ग़लत बताया है। इस मामले को लेकर बिहार की विधानसभा में काफी हंगामा भी हुआ है। 

राय ने कहा है कि तेजस्वी अपनी पार्टी के विधायकों से उनके और उनके परिवार के बारे में पता करवा लें। उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार किसी भी तरह का ग़लत व्यापार नहीं करता है। मंत्री ने कहा, “जिस ज़मीन से शराब बरामद हुई है, वह उनके छोटे भाई के नाम पर है। उनके भाई से यह ज़मीन एक आदमी ने कोचिंग चलाने के नाम पर ली थी। इसी आदमी ने वहां दारू का ट्रक मंगवाया था। इस आदमी के साथ ही एक लड़की को भी गिरफ़्तार किया गया है।” उन्होंने कहा कि अगर वह दोषी साबित हो जाएंगे तो मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे देंगे। 

ताज़ा ख़बरें

मंत्री के स्कूल से शराब मिलने का यह आरोप इसलिए अहम है क्योंकि बिहार में शराबबंदी लागू है और अगर तेजस्वी का यह आरोप सही है कि यह स्कूल मंत्री का है तो यह बेहद गंभीर मामला है। रामसूरत राय को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के करीबियों में गिना जाता है। 

शराब की होम डिलीवरी!

बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू होने के पांच साल बाद भी इस तरह की ख़बरें आती रहती हैं कि राज्य के कई इलाक़ों में शराब की होम डिलीवरी हो रही है। पिछले महीने चार जिलों- मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, कैमूर और रोहतास में जहरीली शराब पीने से लगभग बीस लोगों की मौत हो चुकी है। 

बिहार से और ख़बरें

अफ़सरों की मिलीभगत 

राज्य सरकारों की आमदनी का एक बड़ा जरिया शराब से होने वाली कमाई ही है। लेकिन नीतीश ने जब शराब को बैन किया तो बिहार के लोगों ने उनके फ़ैसले का स्वागत किया। लेकिन यह भी आरोप लगता है कि बिहार में आज भी शराब जिसे चाहिए, वह आसानी से हासिल कर लेता है और इस काम में पुलिस-प्रशासन के अफ़सरों की मिलीभगत होती है क्योंकि उनकी मिलीभगत के बिना शराब की तस्करी संभव ही नहीं है। 

नीतीश को एक तरफ विपक्ष की ओर से इस बात की आलोचना सहनी पड़ती है कि उनकी सरकार में शराब की तस्करी चरम पर है तो दूसरी ओर अपने सहयोगी दलों के हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी भी शराब की तस्करी को लेकर सवाल उठाती रही हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें