loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला

जीत

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

जीत

सियासत के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं लालू यादव

लोकसभा चुनाव में बिहार और झारखंड में कुछ अलग माहौल दिखाई पड़ रहा है। इन दोनों राज्यों में लालू प्रसाद यादव की अपनी अलग पहचान है और चुनाव के समय में तो लालू पूरे इलाक़े में अपनी अलग छाप से जाने जाते हैं। लेकिन देश के चर्चित घोटालों में से एक चारा घोटाले के मामले में सजायाफ़्ता लालू प्रसाद यादव अपने सबसे मुश्किल समय से गुजर रहे हैं।

ताज़ा ख़बरें
लालू के राजनीतिक जीवन में पहली बार ऐसा वक़्त आया है जब वह चुनावी माहौल के बीच नहीं हैं। राजनीतिक पटल पर पूरा देश जहाँ एक बार फिर से करवटें बदल रहा है और चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जा रही है, ऐसे में लालू प्रसाद यादव की अलग अंदाज वाली आवाज़ वोटरों तक नहीं पहुँच रही है। इसका अफ़सोस सिर्फ़ राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ही नहीं है बल्कि आम लोगों को भी है। 
पिछले कुछ दशकों के बाद पहली बार बिहार और झारखंड में वोटरों को लालू यादव के चुटीले अंदाज में भाषण सुनने को नहीं मिल पा रहा है, जो देश के लगभग हर एक व्यक्ति तक को गुदगुदा जाता था।

कम नहीं हो रहीं लालू की मुश्किलें

इधर, लालू यादव की मुश्किलें कम होती नज़र नहीं आ रही हैं। लालू यादव रिम्स के पेइंग वार्ड में अपना सबसे बुरा समय काटने को मजबूर हैं। बीता शनिवार एक बार और उनके जीवन में कठोर अनुभव दे गया, जब बेटे तेजस्वी यादव को उनसे नहीं मिलने दिया गया। हालाँकि तेजस्वी के नहीं मिल पाने के पीछे जेल प्रशासन का अपना तर्क है कि निर्धारित समय पर तेजस्वी यादव रिम्स नहीं पहुँच पाए। वैसे लालू से मिलने के लिए शनिवार का ही दिन निर्धारित है। 

पिता से नहीं मिल पाने के बाद तेजस्वी यादव ने साफ़ तौर पर आरोप लगाया कि उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। शनिवार को काफ़ी मशक्कत के बाद भी तेजस्वी को लालू प्रसाद यादव से मिलने नहीं दिया गया। तेजस्वी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव एक विचार हैं, उनके चुनावी मैदान में नहीं रहने के बाद भी लोग उनके समर्थन में हैं और इसका प्रभाव चुनाव में दिखाई पड़ेगा। 

तेजस्वी ने न सिर्फ़ राजनीतिक प्रताड़ना का आरोप लगाया बल्कि यह भी कहा कि उनके पिता का इलाज ठीक से नहीं किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ भी उन्होंने नाराज़गी जताई।

कई कारणों से चर्चित रहे लालू

लालू प्रसाद यादव अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन में कई कारणों से चर्चा में बने रहे। लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा तब हुई जब 23 सितंबर 1990 को राम रथ यात्रा के दौरान उनके आदेश पर लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ़्तार कर लिया गया। 

इसके अलावा बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों की तरह बनाने, बिहार से झारखंड को अलग करने के विषय पर अपनी लाश पर राज्य का बँटवारा करने, लालकृष्ण आडवाणी को अंतराष्ट्रीय फ़रार बताने के साथ-साथ, इसलामिक पोषाक धारण कर एमवाई (मुसलिम-यादव) समीकरण को फ़िट बैठाने को लेकर लालू हमेशा चर्चा में रहे। 

बिहार से और ख़बरें

क्या है चारा घोटाला 

अविभाजित बिहार के समय हुए 900 करोड़ रुपये के चारा घोटाले को लेकर 1996 में जानकारी सामने आई थी। चाइबासा के तत्कालीन डीसी अमित खरे ने जब पशुपालन विभाग के कार्यालयों में छापा मारा तो पता चला कि चारा आपूर्ति करने के बहाने कई फ़र्जी कंपनियाँ काम कर रही हैं और इसमें बड़ी राशि की हेरा-फेरी की जा रही है। 

संबंधित ख़बरें
मार्च 1996 में मामले की जाँच के लिए हाईकोर्ट ने सीबीआई को अधिकृत कर दिया। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में लालू यादव को आरोपी बनाया। मामले में लंबी सुनवाई और गवाही के बाद 3 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव पर 5 साल के कारावास के साथ-साथ 25 लाख का जुर्माना लगाया। दिसंबर 2017 से लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें