loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
51
एनडीए
29
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
225
एमवीए
52
अन्य
11

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

पीछे

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

आगे

प्रतीकात्मक और फाइल फोटो

क्या बिहार में कम मतदान भाजपा के लिए खतरे का संकेत है? 

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान शुक्रवार को था। 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर करीब 68.29 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे ज्यादा मतदान 83.88 प्रतिशत लक्ष्यदीप में तो सबसे कम बिहार में मात्र 48.88 प्रतिशत वोट पड़े हैं। 
बिहार में कम मतदान को लेकर अब तरह-तरह की अटकलों का बाजार गर्म होने लगा है। बिहार की चार सीटों जमुई, नवादा, गया और औरंगाबाद पर शुक्रवार को पहले चरण में मतदान था। इसमें जमुई में 50 प्रतिशत, नवादा में 41.50 प्रतिशत, गया में 52 प्रतिशत और औरंगाबाद में 50 प्रतिशत मतदान हुआ है। इन चारों सीटों पर पूर्व के चुनावों की तुलना में मतदान के प्रतिशत में भारी गिरावट देखी गई है। 
2019 के लोकसभा चुनाव में जमुई सीट पर 57.8 प्रतिशत, नवादा सीट पर 51.7 प्रतिशत, गया सीट पर 58.1 प्रतिशत और औरंगाबाद सीट पर 55.5 प्रतिशत मतदान हुआ था। आंकड़े बताते हैं कि इन सीटों पर पिछले वर्ष की तुलना में 5 से 10 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। 
मतदान के प्रतिशत में आई इस गिरावट को राजनैतिक विश्लेषक भाजपा के लिए नुकसान का संकेत मान रहे हैं। यह केंद्र की मोदी सरकार के लिए खतरे की घंटी भी हो सकती है। 
बिहार में यह स्थिति तब दिखी जब ज्यादातर उम्मीदवार नए थे, इसके बावजूद मतदाताओं में चुनाव को लेकर उत्साह नहीं दिखा। बिहार को लेकर भाजपा और एनडीए की चिंता इसलिए भी हो सकती है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार से एनडीए को 40 में से 39 सीटें मिली थी। 
ऐसे में बिहार का गणित अगर इस बार बिगड़ा या पिछले चुनाव जैसे नतीजे नहीं आए तो एनडीए और भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। 
माना जा रहा है कि शुक्रवार को भीषण गर्मी के कारण भी मतदान कम हुआ है। तापमान 40 से 42 डिग्री के आसपास था। ऐसे में मतदाता अपने घरों से कम निकले। कई राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा के कोर वोटर जो उच्च आय वर्ग के हैं वे सबसे कम मतदान के लिए निकले हैं। 
ऐसे में भाजपा को इन सीटों पर नुकसान हो सकता है। शहरी क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में कम ही मतदाता अपने घरों से मतदान के लिए निकले हैं। 
बिहार की इन चारों सीटों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार एनडीए के कार्यकर्ताओं में 2014 और 2019 वाला जोश भी नहीं दिखा। भाजपा का कोर वोट माने जाने वाले सवर्ण वोटरों में इस बार पहले जैसा उत्साह नहीं दिखा। 
वे वोट देने के लिए पहले की तुलना में कम ही निकले हैं। दूसरी तरफ खबर है कि पिछले, खासकर यादव और दलित समाज के मतदाता बड़ी संख्या में वोट देने के लिए अपने घरों से निकले हैं। 
अब कम मतदान का किसको कितना नफा और नुकसान होता है यह तो 4 जून को पता चलेगा लेकिन कम मतदान को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें