बिहार के वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी का सोमवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं। सुशील कुमार मोदी ने इस साल अप्रैल में बताया था कि उन्हें कैंसर है और इस वजह से 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार 14 मई को पटना के राजेंद्र नगर में उनके घर पर लाया जा रहा। मंगलवार को ही उनका अंतिम संस्कार होगा।
पीएम मोदी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित कई भाजपा नेताओं ने दुख जताया और सुशील कुमार मोदी के शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
सुशील मोदी का जन्म 5 जनवरी, 1952 को हुआ थे और उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी में एक छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1973 में वो छात्र संघ के महासचिव बने। उनका राजनीतिक करियर तीन दशक लंबा है। इस दौरान वो विधायक, एमएलसी और लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। विभिन्न विभागों के मंत्री रहे। उन्होंने 2005 से 2013 तक और फिर 2017 से 2020 तक बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में काम किया।
सुशील मोदी 1990 में पहली बार पटना सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। वह 1996 से 2004 तक राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। 2004 में, सुशील मोदी ने भागलपुर से लोकसभा सीट जीतकर राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा। हालाँकि, 2005 में, उन्होंने विधान परिषद में शामिल होने और बिहार के उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभाने के लिए अपने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था।
पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वे… pic.twitter.com/160Bfbt72n
— Narendra Modi (@narendramodi) May 13, 2024
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वरिष्ठ भाजपा नेता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है। नीतीश और सुशील मोदी के संबंध हमेशा मधुर रहे हैं।
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