ज़ाहिर है ‘प्रोडिकल साइंस’ कोई साइंस नहीं लेकिन बिहार में 2005 के बाद शिक्षा के क्षेत्र में सबसे चर्चित शब्द शायद यही रहा है। एक छोटी सी कहानी है कि बिहार बोर्ड की एक टाॅपर से जब उसके विषय के बारे में पूछा गया तो उसने पाॅलिटिकल साइंस को इसी नाम से पुकारा था और तब बिहार में शिक्षा और परीक्षा प्रणाली का कच्चा चिट्ठा एक नये अंदाज़ में सामने आया था।