बिहार में एक बार फिर नकली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है। यह मौतें सारण जिले के मकेर थाना क्षेत्र के भाथा गांव में हुई हैं। अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग गंभीर हैं।
बिहार में शराब से मौतें होना इसलिए बेहद गंभीर है क्योंकि राज्य में शराबबंदी लागू है। इसका मतलब बिहार के अंदर शराब बनाना, इसकी बिक्री करना और इसे पीने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन बावजूद इसके बिहार में समय-समय पर नकली शराब पीने से मौत होने की घटना सामने आती रहती है।
बिहार में पिछले साल नवंबर से अब तक नकली शराब पीने 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम गांव पहुंचकर मौतों की असली वजह का पता लगाने की कोशिश कर रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि नकली शराब पीने से 10 से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है।
सारण जिले के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि कुछ लोगों ने मंगलवार को नाग पंचमी के मौके पर शराब पी थी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इलाके में पुलिस कई जगहों पर छापेमारी कर रही है और नकली शराब की बिक्री करने वालों की धरपकड़ की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इलाके में पुलिस बल तैनात है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
नकली शराब पीने से मारे गए एक शख्स के दामाद मिथिलेश महतो ने कहा कि उनके ससुर ने नकली शराब पी थी। उन्होंने बताया कि उनके गांव में शराब आसानी से मिल जाती है और मंगलवार को एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान कई लोगों ने इसे पिया था।
इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और हालत गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई लोगों ने दम तोड़ दिया। सारण जिले के भोरहा पंचायत में 2 अगस्त को भी दो लोगों की नकली शराब पीने से मौत हो गई थी। इस साल जनवरी में भी सारण जिले में नकली शराब पीने से 5 लोगों की मौत हुई थी।
होली में हुई थी मौत
बिहार के कई जिलों में इस साल होली के दौरान नकली शराब पीने से 32 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें भागलपुर में 16, बांका में 12 मधेपुरा में तीन और एक शख्स की नालंदा में मौत हुई थी। भागलपुर और बांका में एक-एक शख्स की आंखों की रोशनी चली गई थी जबकि 20 लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे।
गुजरात में मौतें
शराबबंदी घोषित एक और राज्य गुजरात में नकली शराब पीने से बीते दिनों 42 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग बीमार पड़ गए थे। यह घटना गुजरात के बोटाद जिले और अहमदाबाद के आसपास के हिस्सों में हुई थी।
शराबबंदी फेल?
यह साफ है कि शराबबंदी घोषित वाले दोनों राज्यों बिहार और गुजरात में यह पूरी तरह फेल हो चुकी है। बिहार विधानसभा परिसर में तो शराब की खाली बोतलें भी मिली थीं। बिहार में यह चर्चा आम है कि वहां पर आसानी से शराब मिल जाती है और अफसरों और पुलिस का एक बड़ा तंत्र है जो इस काम में लगा हुआ है। शराबबंदी वाले बिहार में यह सब कैसे हो रहा है, इसका जवाब नीतीश सरकार को ज़रूर देना चाहिए।
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