नागरिकता क़ानून की लपटें दिल्ली और उत्तर प्रदेश होते हुए अब बिहार भी पहुँच गई हैं। राष्ट्रीय जनता दल की अपील पर शनिवार को हुए बिहार बंद के दौरान ज़बरदस्त हिंसा हुई है। कम से कम 11 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें पटना के अस्पतालों में दाखिल कराया गया है।
बड़ी तादाद में लोगों ने इस बंद में शिरकत की, लेकिन इस बंद के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। लोगों पुलिस पर पथराव किया, तो पुलिस ने लोगों को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
पटना में दो गुटों के बीच तेज झड़पें हुईं, बमबाजी हुई। दोनों गुटों ने एक दूसरे पर हथगोले फेंके। इसमें कम से कम 11 लोगों के घायल होने की खबर है। लोगों को पटना स्थित एम्स में दाखिल कराया गया है। कम से कम 10 लोगों गोलियों के घाव के साथ भर्ती कराया गया है।
मुजफ्फरपुर, भागलपुर व नवादा सहित कई अन्य जगहों पर भी भारी हिंसा की। स्थिति पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने जगह-जगह आंसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया। इससे भी हालात काबू में नहीं आए तो हवाई फायरिंग की।
शनिवार को आरजेडी के बिहार बंद के दौरान पटना के फुलवारीशरीफ में दो पक्षों के बीच फायरिंग व पथराव हुआ। गोलीबारी में 13 लोग घायल हो गए। उनमें आठ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दो पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा एक को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पटना के नज़दीक फुलवारीशरीफ़ में बंद के समर्थन में निकला जुलूस टमटम पड़ाव के पास धार्मिक स्थल से गुजर रहा था। इसी दरम्यान सीएए के समर्थन में कुछ लोगों ने नारेबाजी की। दोनों पक्ष में पहले नोकझोंक हुई। कुछ लोग धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने लगे। इस पर दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया। दोनों ओर से दो दर्जन राउंड फायरिंग भी हुई। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े।
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