चिंतित है सरकार
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा,“
बिहार में बढ़ती जनसंख्या से राज्य सरकार चिंतित है, इसीलिए क्वरेन्टीन केंद्रों में रहने वालों के बीच परिवार नियोजन से संबंधित जानकारियाँ और गर्भ- निरोधक सामग्रियाँ भी दी गईं।
सुशील कुमार मोदी, उप मुख्यमंत्री
सरकार का दावा
उधर उप मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया है कि हर दशक में बिहार की जनसंख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। हालाँकि, सरकार लड़कियों में शिक्षा को बढ़ावा, बाल विवाह निषेध और अन्य उपायों को अपना कर पिछले एक दशक में प्रजनन दर को 4.3 से 3.2 पर लाने में सफलता मिली है।प्रवासी मज़दूरों में ही जनसंख्या विस्फोट?
समस्तीपुर ज़िला के सिविल सर्जन रति रमण झा के अनुसार, ‘चूँकि प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से आ रहे हैं ऐसे में यहाँ जनसंख्या विस्फोट की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए प्रखंड स्तर के परिवार नियोजन से जुड़े अधिकारियों और कर्मियों को इस काम में लगाया गया है। ये लोग ही क्वारेंटीन अवधि पूरा कर चुके प्रवासियों के बीच कंडोम और गर्भ- निरोधक सामान का वितरण कर रहे हैं।’विपक्ष का हमला
वैश्विक आपदा कोरोना के बीच जनसंख्यानियंत्रण करने का एक सुखद अवसर तलाशने पर मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल हमलावर हो गया।“
जब प्रवासी मज़दूरों को क्वरेंटीन अवधि के बाद रोज़गार और रोटी की स्वाभाविक तलाश रहती है, सरकार इन्हें परिवार नियोजन का पाठ पढ़ा रही है।
मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, राष्ट्रीय जनता दल
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