पुलिस का काम क़ानून का पालन कराना है। यह बात सही है कि वह राज्य सरकार की प्रमुख एजेंसी है और उसे उसके साथ मिलकर काम करना होता है। लेकिन यह क़तई जायज नहीं है कि पुलिस अफ़सर नेताओं की भाषा बोलें।
बिहार: डीजीपी की ये कैसी भाषा, बोले- रिया की औकात नहीं जो सीएम पर टिप्पणी कर सके
- बिहार
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- 19 Aug, 2020
सर्वोच्च अदालत का फ़ैसला आने के बाद बिहार के डीजीपी ने रिया चक्रवर्ती को लेकर जो टिप्पणी की, वह पुलिस विभाग में सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति को क़तई शोभा नहीं देती।

बुधवार को जैसे ही सर्वोच्च अदालत का यह फ़ैसला आया कि सुशांत मामले की जांच अब मुंबई पुलिस नहीं सीबीआई करेगी, पत्रकार बाइट लेने के लिए बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के पास पहुंचे।
पांडेय इस मामले में पहले भी मुखर रहे हैं और पटना के आईपीएस अफ़सर विनय तिवारी को मुंबई में क्वारेंटीन किए जाने पर जमकर बोले थे। तब एक डीजीपी होने के नाते उन्होंने जो कुछ कहा था, उस पर किसी ने सवाल नहीं खड़े किए क्योंकि माना गया कि उन्होंने कुछ ग़लत नहीं कहा था।