नीतीश कुमार के जदयू और बीजेपी के बीच फिर से तनातनी है। बिहार बीजेपी के प्रमुख ने तो यहाँ तक चेतावनी दे दी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी अपनी हद में रहे, नहीं तो बिहार बीजेपी के 76 लाख कार्यकर्ता उसको जवाब देंगे। बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने फ़ेसबुक पर लंबी चौड़ी पोस्ट लिखकर चेताया कि जदयू के नेता देश के प्रधानमंत्री से ट्विटर-ट्विटर न खेलें और इसके कुछ घंटे बाद ही जदयू नेता ने फिर से ट्विटर पर ऐसा ही एक बयान जारी कर दिया। यानी दोनों तरफ़ से कोई झुकने को तैयार नहीं है। तो क्या दोनों दलों के बीच इस लड़ाई से गठबंधन पर आंच आने वाली है?
नीतीश के जदयू को बिहार बीजेपी प्रमुख ने क्यों चेताया- हद में रहे...?
- बिहार
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- 17 Jan, 2022
बिहार में पिछले चुनाव के बाद जदयू और बीजेपी की गठबंधन सरकार बनने से पहले ही जो तनातनी शुरू हुई थी वह अभी भी जारी है। क्या गठबंधन पर ख़तरा है?

इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जान लीजिए कि ताज़ा विवाद क्या है। यह मामला प्रसिद्ध नाटककार दया प्रकाश सिन्हा को दिये गये पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग से जुड़ा है। सिन्हा ने राजा अशोक और मुगल बादशाह औरंगज़ेब के बीच तुलना की थी। इसी को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में पीएम मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि सिन्हा को दिया गया पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाए। इसी पर बिहार बीजेपी प्रमुख संजय जयसवाल ने फ़ेसबुक पर चेतावनी जारी की।