बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चल रहे प्रचार की गहमागहमी और घात-प्रतिघात में राजनेता एक-दूसरे पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं, यह बात तो समझ में आती है। पर इस क्रम में राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर जो आरोप लगाया है, वह एकदम चौंकाने वाला है।
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि तीन साल पहले लालू प्रसाद यादव ने उनको (मोदी को) को मरवाने के लिए तांत्रिक अनुष्ठान करवाया था। मोदी ने ट्वीट कर कहा, “लालू प्रसाद यादव इतने अंधविश्वासी हैं कि उन्होंने एक तांत्रिक के कहने पर सफेद कुर्ता पहनना छोड़ दिया। बाद में उसे ही यानी तांत्रिक शंकर चरण त्रिपाठी को पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया।”
हत्या की साजिश रचने का आरोप?
एक दूसरे ट्वीट में सुशील मोदी ने ट्वीट किया, “उसी तांत्रिक ने मिर्ज़ापुर स्थित विंध्याचल धाम में एक तांत्रिक पूजा कराई। वे तीन साल पहले मुझे मारने के लिए तांत्रिक अनुष्ठान करा चुके हैं।”
उनके इस दावे की पुष्टि तो नहीं हो सकी है कि लालू प्रसाद यादव ने वाकई तांत्रिक अनुष्ठान करवाया था या नहीं, पर राजनीति में इस तरह के आरोप और काम पहले भी हुए हैं।
नेताओं के अंधविश्वास
कर्नाटक बीजेपी के नेता बी श्रामुलु ने विधानसभा चुनाव में मतदान के पहले गाय की पूजा की थी। मुहुर्त दिखा कर नामांकन पत्र भरने और प्रचार कार्य शुरू करने की बात तो कई नेताओं के बार में कही जाती है।सिद्धारमैया पर आरोप लगा था कि वह चुनाव प्रचार के दौरान अपने साथ नींबू रखते हैं।
बी. एस. येदुयिरप्पा ने भी आरोप लगाया था कि जनता दल (एस) के उनके राजनीतिक विरोधी तंत्र विद्या से उन्हें मरवाना चाहते हैं।
पांच बार सांसद चुने गये शिवसेना नेता मोहन रावले के बारे में कहा जाता है कि वह चुनाव प्रचार के दौरान पीली रंग की कमीज ही पहनते हैं, किसी ने उन्हें पीला रंग धारण करने की सलाह दी है।
बहुत दिन नहीं हुए जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस में रफ़ाल लड़ाकू विमान पर नींबू चढ़ाया था। इसका काफी मजाक उड़ाया गया था।
राजनेता हमारे समाज से ही आते हैं, हमारे बीच के ही ही हैं, ऐसे में यदि वे समाज के सामान्य लोगों की तरह कुछ अंधविश्वास मानते हैं तो इसमें ताज्जुब की क्या बात है?
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