loader

बिहार में गंगा नदी पर निर्माणाधीन विशाल पुल ढहा, जाँच के आदेश

बिहार के भागलपुर में गंगा पर एक निर्माणाधीन चार लेन का पुल आज शाम ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर ढह गया। एक साल में यह दूसरी बार है जब इस तरह से पुल ढह गया है और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर आया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुल गिरने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने को कहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही 2014 में इस पुल का शिलान्यास किया था। यह पुल सुल्तानगंज और खगड़िया जिलों को जोड़ता है। जिस वक़्त यह निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर रहा था तब स्थानीय लोग इसका वीडियो बना रहे थे। लोगों ने पुल के ढहने का लाइव वीडियो कैप्चर किया है। इसे सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है।

शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया है कि इस पुल के ढहने से किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है। चूँकि अभी यह पुल निर्माणाधीन था तो इस पर लोगों की आवाजाही नहीं थी। 

जिले के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से एएनआई ने रिपोर्ट दी है कि निर्माणाधीन पुल गिरने की घटना शाम करीब 6 बजे हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, स्थानीय प्रशासन मौके पर है। अधिकारी ने कहा है कि उन्होंने पुल निर्माण निगम से रिपोर्ट मांगी है।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है, 'आज बिहार में भागलपुर के सुल्तानगंज और खगड़िया के बीच गंगा नदी पर बन रहा पुल भरभरा कर गिर गया। 2015 में नीतीश कुमार ने इस पुल का उद्घाटन किया था जिसका निर्माण 2020 तक पूरा होना था। ये पुल दूसरी बार गिरा है। क्या नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव इस घटना का संज्ञान लेते हुए तुरंत इस्तीफ़ा देंगे? ऐसा करके दोनों चाचा-भतीजा देश के सामने एक मिसाल क़ायम कर सकते हैं।'

इस पर धर्मेंद्र कुमार नाम के एक यूज़र ने जवाब दिया है कि इस पुल के निर्माण काल के दौरान 2017-2022 तक आपके बीजेपी बिहार के पथ निर्माण मंत्री इस परियोजना के प्रभारी थे, उनके कार्यकाल में भी यह पुल एक बार गिरा था तो उनसे भी सलाह ले लें...।'

बता दें कि पिछले दिसंबर में बेगूसराय जिले में एक पुल दो हिस्सों में टूटकर बूढ़ी गंडक नदी में गिर गया था। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ क्योंकि पहुंच मार्ग की कमी के कारण पुल को औपचारिक रूप से जनता के लिए खोला जाना बाकी था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें