पिछले कई दिनों से बिहार में जो कयास लगाया जा रहा था, वह बुधवार को सही साबित हुआ और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गये। इस घटनाक्रम के बीच अब दूसरा सबसे अहम सवाल यह है कि क्या इसे आरजेडी-जदयू के मिलन की बेला के तौर पर लिया जा सकता है?

क्या बिहार में नया राजनीतिक समीकरण तैयार हो रहा है? बिहार में एआईएमआईएम के 4 विधायकों के आरजेडी में शामिल होने के आख़िर संकेत क्या हैं?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में राष्ट्रपति बनने की अफवाहों पर पूर्ण विराम लग चुका है। लेकिन बीजेपी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को जदयू का समर्थन मिलने के बाद भी यह बात अपनी जगह कायम है कि बीजेपी और जदयू में बात जो बिगड़ी है, वह बन नहीं पा रही है। मंगलवार को जिस तरह ’अग्निपथ’ के मुद्दे पर विपक्ष के वाकआउट के साथ जदयू के विधायक भी विधानसभा से ग़ायब रहे उसे जदयू के नेता तो महज इत्तेफाक बता रहे लेकिन ऐसा इत्तेफाक किसी और समीकरण का संकेत भी हो सकता है। इसके साथ बुधवार को बीजेपी के विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ने शेरो-शायरी में नजदीकी और दूरी की बात की उससे भी रिश्ते में आती जा रही अजनबियन का अंदाजा लगता है।