बिहार के सियासी घमासान में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की चुनावी रैलियों में उमड़ रही भीड़ से हलकान सूबे के मुखिया नीतीश कुमार को एक ताज़ा सर्वे से कुछ राहत मिलती दिख रही है। एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ मिलकर बिहार के मतदाताओं के बीच सर्वे किया है। सर्वे यह बताता है कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है।
एबीपी न्यूज़-सी वोटर का दावा है कि यह सर्वे बिहार की सभी 243 सीटों पर किया गया और इस दौरान 30 हजार 678 लोगों से बात की गई। सर्वे 1 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर के बीच किया गया है।
कुछ दिन पहले आए लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में भी नीतीश सरकार के आने की बात कही गयी थी। बहरहाल, एबीपी न्यूज़-सी वोटर ने यह सर्वे बिहार के पांच इलाकों में किया है। इन इलाकों में- मगध-भोजपुर, अंग प्रदेश, सीमांचल, मिथिलांचल और उत्तर बिहार शामिल हैं।
एबीपी न्यूज़-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक़, 73 सीटों वाले उत्तर बिहार में एनडीए को 45 से 49 और महागठबंधन को 22 से 26 सीटें मिल सकती हैं। एनडीए से अलग होकर नीतीश को हराने का दम भर रहे एलजेपी के प्रधान और सांसद चिराग पासवान को यहां एक भी सीट नहीं मिलने की बात सर्वे में कही गई है जबकि अन्य के खाते में 1 से 2 सीटें जाने का अनुमान लगाया गया है।
उत्तर बिहार के बाद सबसे ज़्यादा सीटें मगध-भोजपुर के इलाक़े में हैं। यहां 69 विधानसभा सीटें हैं और मुक़ाबला कड़ा दिख रहा है। सर्वे कहता है कि यहां एनडीए को 36-44 और महागठबंधन को 23-30 सीटें मिल सकती हैं।
अगर चिराग पासवान ने यह सर्वे देखा होगा तो उन्हें खासी निराशा होगी क्योंकि उत्तर बिहार के बाद मगध-भोजपुर में भी उनकी पार्टी को शून्य सीटें मिलने की बात सर्वे में कही गई है। जबकि अन्य को 2-3 सीटें मिलने का अनुमान है।
मिथिलांचल
इसके बाद नंबर आता है मिथिलांचल का। 50 सीटों वाले मिथिलांचल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए को 27-31 सीटें, तेजस्वी यादव की क़यादत वाले महागठबंधन को 18-21 सीटें, चिराग पासवान की एलजेपी को 1-3 सीटें और अन्य को 0-1 सीट मिलने की बात कही गई है।
एलजेपी को सीमांचल में भी शून्य सीट
मिथिलांचल के बाद सर्वे में नंबर आता है सीमांचल का। इस इलाक़े में असदउद्दीन ओवैसी काफी सक्रिय हैं क्योंकि यहां मुसलिम मतदाताओं की संख्या काफी अच्छी है। 24 सीटों वाले सीमांचल में नीतीश को 11-15 सीटें, महागठबंधन को 8-11 सीटें, चिराग पासवान की एलजेपी को शून्य और अन्य को 1 सीट मिलने की बात कही गई है।
अंग प्रदेश
27 सीटों वाले अंग प्रदेश की बात करें तो यहां एनडीए को 16-20, महागठबंधन को 6-10, पासवान को 0-2 और अन्य को 0-1 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है।
इस तरह कुल मिलाकर 243 सीटों की बात करें तो एनडीए को 135-159, महागठबंधन को 77-98, एलजेपी को 1-5 और अन्य को 4-8 सीटें मिलने की बात सर्वे कहता है।
नीतीश की मुश्किलों में इज़ाफा
यह सर्वे नीतीश के चेहरे पर आई चिंता की लकीरों को और गहरा कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सर्वे कहता है कि जेडीयू को 59-67, बीजेपी को 73-81, विकासशील इंसान पार्टी को 3-7 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 0-4 सीटें मिल सकती हैं। मतलब साफ है कि बीजेपी थोड़ा नहीं ज़्यादा सीटों से आगे दिख रही है।
बिहार के सियासी कॉरिडोर में यह चर्चा पहले से ही है कि अगर बीजेपी की ज़्यादा सीटें आईं तो वह मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक सकती है भले ही अभी उसके नेता ‘नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे’ का राग दोहरा रहे हों।
दूसरी ओर महागठबंधन की बात करें तो आरजेडी को 56-64, कांग्रेस को 12-20 और वाम दलों को 9-14 सीटें मिलने की बात कही गई है। सर्वे में एनडीए को 43 फ़ीसदी, महागठबंधन को 35 फ़ीसदी, एलजेपी को 4 फ़ीसदी व अन्य को 18 फ़ीसदी वोट मिलने की बात कही गई है।
जीडीएसएफ़ व अन्य गठबंधन
इस 18 फ़ीसदी वोट में ग्रेंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट (जीडीएसएफ़) सहित कुछ अन्य छोटे गठबंधनों व निर्दलीयों की हिस्सेदारी होगी। जीडीएसएफ़ के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा हैं। गठबंधन में कुशवाहा की आरएलएसपी, मायावती की बीएसपी, असदउद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और कुछ अन्य पार्टियां शामिल हैं।
लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में एनडीए को महागठबंधन से 6 फ़ीसदी ज़्यादा वोट मिलने की बात कही गई थी। कहा गया था कि एनडीए को 38 जबकि महागठबंधन को 32 फ़ीसदी वोट मिल सकते हैं।
नीतीश से नाराजगी बरकरार
बिहार के तमाम चुनावी सर्वे इस बात को कह रहे हैं कि मतदाता नीतीश से नाराज हैं। लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक़, 2015 में 18 फ़ीसदी लोग नीतीश के काम से नाख़ुश थे जबकि इस बार यह आंकड़ा 44 हो गया है। 38 फ़ीसदी लोग चाहते हैं कि नीतीश फिर से मुख्यमंत्री बनें जबकि 43 फ़ीसदी लोग नहीं चाहते कि वह दुबारा सत्ता में लौटें।
इसी तरह एबीपी न्यूज़़-सी वोटर के सर्वे में 60 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि वे नीतीश कुमार से नाराज हैं और मुख्यमंत्री को बदलना चाहते हैं वहीं 26% लोगों ने कहा कि वे नाराज तो हैं लेकिन उनका भरोसा नीतीश कुमार पर ही है।
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