“हिंदू महासभा ने त्रिशूलधारी संन्यासी और संन्यासिनों को वोट माँगने के लिए जुटा दिया है। त्रिशूल और भगवा लबादा देखते ही हिंदू सम्मान में सिर झुका देते हैं। धर्म का फ़ायदा उठाकर इसे अपवित्र करते हुए हिंदू महासभा ने राजनीति में प्रवेश किया है। सभी हिंदुओं का कर्तव्य है कि इसकी निंदा करें। ऐसे गद्दारों को राष्ट्रीय जीवन सेनिकाल फेंकें। उनकी बातों पर कान न दें।”
मोदी के 'ध्यान' में स्वामी विवेकानंद कहां हैं?
- विश्लेषण
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- 1 Jun, 2024
पीएम मोदी कन्याकुमारी में साधनालीन हैं लेकिन मुद्दा यह है कि जिस विवेकानंद मेमोरियल रॉक पर मोदी साधनारत हैं, उन विवेकानंद को मोदी ने कितना पढ़ा है या कितना उनको जानते हैं। मोदी की यह साधना तभी पूरी होगी जब वो विवेकानंद का टीक से अध्ययन करें। मोदी उस महान शख्सियत से यह भी सीख सकते हैं कि विवेकानंद राजनीति में कितना थे।
