संसद का शीतकालीन सत्र एक दिन पहले ही 22 दिसम्बर को खत्म हो गया।
लोकसभा-राज्यसभा में सदन न चलने देने की जिम्मेदारी सरकार और बीजेपी ने
विपक्ष पर डाल दी। लेकिन क्या यही सच है जो सरकार और बीजेपी कह रही है?
सोचिए, संसद किसने नहीं चलने दी, सरकार ने या विपक्ष ने ?
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2025
संसद का शीतकालीन सत्र एक दिन पहले ही खत्म हो गया। सरकार ने तमाम विधेयक पास कराने के आंकड़े देकर कहा कि सत्र अपने मकसद में कामयाब रहा। लेकिन विपक्ष के हंगामे की विजह से सत्र ठीक से नहीं चल पाया। राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने भी सांसदों को आत्मनिरीक्षण की सलाह दी। लेकिन यह सवाल तो बनता ही है कि शीतकालीन सत्र को दरअसल किसने नहीं चलने दिया सरकार ने या विपक्ष ने ?

क्या वाकई दोनों सदनों में बहस होने दी गई।
पिछले साल कोविड 19 की वजह से सरकार ने शीतकालीन सत्र नहीं बुलाया था। इस वजह से इस बार का सत्र काफी महत्वपूर्ण था।
लोकसभा
और राज्यसभा में शीतकालानी सत्र की शुरुआत 29 नवंबर को हुई थी और इसे 23
दिसम्बर तक चलना था। लेकिन 22 दिसम्बर को लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा
चेयरमैन वेंकैया नायडू ने इस समाप्त घोषित कर दिया।
वेंकैया नायडू ने इस
मौके पर सदस्यों को सलाह दी कि वे आत्मनिरीक्षण करें कि क्या सदन इससे और
बेहतर तरीके से चलाया जा सकता था?