‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ फ़िल्म कम और राजनीतिक प्रोपेगेंडा ज़्यादा है। फ़िल्म का एक मात्र मक़सद यह बताना लगता है कि 2004 से लेकर 2014 तक सोनिया और राहुल गाँधी सरकार चला रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तो मात्र एक कठपुतली थे जिन्हें पर्दे के पीछे से गाँधी परिवार अपनी उँगलियों पर नचा रहा था। 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले इस तरह की फ़िल्म के आने का राजनीतिक मतलब समझना मुश्किल नहीं है।