देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अब अपना पुराना ढर्रा छोड़कर नए रास्ते पर चल रही है। कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बदलाव ला रहे हैं। यह बदलाव बहुत ख़ामोशी के साथ हो रहा है। खड़गे इसका कहीं कोई श्रेय भी नहीं ले रहे। हाल ही में कांग्रेस संगठन में हुए बदलाव से संकेत मिलते हैं कि कांग्रेस में अब पुराने नेतृत्व को आराम दिया जा रहा है। नए और अपेक्षाकृत युवा नेतृत्व को ज़िम्मेदारी सौंपी जा रही है। खड़गे बहुत ही खामोशी के साथ वरिष्ठ नेताओं की जगह नए लोगों को जिम्मेदारी देकर कांग्रेस को मजबूत करने कोशिश कर रहे हैं।
बड़ी खामोशी से कांग्रेस को बदल रहे हैं खड़गे
- विश्लेषण
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- 6 Sep, 2023

क्या कांग्रेस में भी बीजेपी की तरह एक 'अघोषित मार्गदर्शक मंडल' बन गया है? जानिए, हाल ही में कांग्रेस संगठन में हुए बदलाव के संकेत क्या हैं।
केंद्रीय चुनाव समिति का क्या है संदेश?
सोमवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस की नई केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया। इसमें कई वरिष्ठ नेताओं का पता साफ कर दिया गया है। पुराने नेताओं में सिर्फ अंबिका सोनी और सलमान खुर्शीद इस कमेटी में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। बाद के नेताओं में मधुसूदन मिस्त्री और पीएल पुनिया रखे गए हैं। एके एंटनी और जनार्दन द्विवेदी को इस कमेटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। दोनों ही नेता करीब 20 साल कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे। दोनों के बेटों ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम कर पार्टी में इन्हें शर्मिंदा किया है। इसे भी इनको हटाए जाने की बड़ी वजह माना जा रहा है।