नूपुर शर्मा के बाद अब महुआ मोइत्रा ‘फ्रिंज एलिमेंट’ हो चुकी हैं। थोड़ा फर्क जरूर है लेकिन मूल रूप से दोनों एक जैसे उदाहरण हैं। नूपुर शर्मा बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं तो महुआ मित्रा तृणमूल कांग्रेस की सांसद हैं और विभिन्न अवसरों पर पार्टी की आवाज़ भी रही हैं।
नूपुर-महुआ से बीजेपी-टीएमसी की दिखावे की दूरी के क्या हैं मायने?
- विश्लेषण
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- 7 Jul, 2022

पहले नूपुर शर्मा और अब महुआ मोइत्रा की टिप्पणी के कारण देश की सियासत में अच्छा खासा विवाद खड़ा हो गया है। क्या इन दोनों महिला नेताओं की गिरफ्तारी होगी?
नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी की थी जबकि महुआ मोइत्रा ने मां काली के बारे में टिप्पणी की है। बीजेपी और टीएमसी दोनों ने अपनी-अपनी महिला नेताओं के बयानों से पल्ला झाड़ लिया।
बीजेपी ने नूपुर शर्मा पर एक्शन तब लिया जब दुनिया के इस्लामिक देशों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। एक्शन इस रूप में लिया कि उससे नूपुर शर्मा को कोई नुकसान ना हो। सच यह है कि बीजेपी के कार्यकर्ता, नेता, शुभचिंतक सभी नूपुर शर्मा के साथ रहे हैं। ये लोग ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक तमाम सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर नूपुर शर्मा का समर्थन करने आगे-आगे नज़र आए हैं।