शनिवार को टीवी चैनलों पर दिखाए गए एग्जिट पोल में एक सुर में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है। सभी टीवी चैनलों और उनके साथ मिलकर एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियों ने दावा किया है कि देश में मोदी के नाम की सुनामी चल रही है और मोदी अपनी तरफ से निर्धारित किए गए 400 पार का लक्ष्य हासिल करते हुए धमाकेदार तरीके से सत्ता में वापसी कर रहे हैं। रविवार को पूरे दिन 'इंडिया' गठबंधन मीडिया की तरफ से बनाए गए इस मनोवैज्ञानिक दबाव से जूझता नज़र आया।
क्या एग्जिट पोल ही नतीजे?
देश भर में ऐसा माहौल बन गया है मानो एग्जिट पोल के नतीजे ही असली चुनावी नतीजे हैं। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता ने इस धारणा को और मजबूत किया है। पीएम मोदी ने रविवार को ताबड़तोड़ सात बैठकें कीं। इन बैठकों में उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन के एजेंडे पर अब तक की तैयारियों की समीक्षा की। सरकारी हल्कों से मिल रही ख़बरों के मुताबिक़ पीएम मोदी ने इस कवायद के लिए अधिकारियों के साथ ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन किया। इन बैठकों की ख़बरें मीडिया में लीक करके प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में संदेश देने की कोशिश की है कि वो तीसरी बार सत्ता में वापसी कर रहे हैं और चुनाव चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल के मुताबिक ही आएंगे। अपनी सत्ता में वापसी और 4 जून के बाद अधिकारियों का काम बढ़ाने का दावा वह चुनाव से पहले भी कर चुके हैं।
'इंडिया' गठबंधन की उड़ी नींद
टीवी चैनलों के एग्जिट पोल और पीएम मोदी के इस अति आत्मविश्वास ने इंडिया गठबंधन की नींद उड़ा दी है। रविवार को कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर टीवी चैनलों और बीजेपी के बनाए इस नैरेटिव को बदलने की भरसक कोशिश करती नजर आई। हालांकि शनिवार को एग्जिट पोल से कई घंटे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'इंडिया' गठबंधन के 295 से ज्यादा सीटें जीतकर अपनी सरकार बनाने का दावा कर दिया था। लेकिन टीवी चैनलों पर एग्जिट पोल दिखाए जाने के बाद कांग्रेस का ये दावा हवा हवाई लगने लगा। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टीवी चैनल मिलकर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहे हैं। कांग्रेस को एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़त मिलने का पहले से अंदेशा था। इसीलिए उसने पहले एग्जिट पोल में अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजने का फैसला किया, लेकिन इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद इस फैसले को बदला गया।
नैरेटिव बदलने की कोशिशें
रविवार को कांग्रेस सुबह से ही टीवी चैनल और बीजेपी की तरफ़ से बनाए गए मनोवैज्ञानिक दबाव का मुकाबला करने में जुट गई। कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस करके कांग्रेस ने तमाम टीवी चैनलों के एग्जिट पोल को ग़लत साबित करने की कोशिश की। कई जायज सवाल उठाए। कांग्रेस ने पूछा कि अगर वह तमिलनाडु में सिर्फ 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो एक एग्जिट पोल के मुताबिक वह 12-13 सीटें कैसे जीत सकती है। इसी तरह बिहार में चिराग पासवान की पार्टी 5 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है तो उसे एग्जिट पोल में 6 सीटें मिलती हुई कैसे दिखाया जा रहा है। कांग्रेस ने अपने लगभग एक दर्जन प्रदेश अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को ज़ूम पर जोड़कर मीडिया के सामने खुद को मिलने वाली सीटों का राज्यवार ब्योरा सामने रख दिया। कांग्रेस ने दावा किया कि 4 जून को सभी एग्जिट पोल ग़लत साबित होंगे। इंडिया गठबंधन 295 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाएगा।
वोटों की गिनती में गड़बड़ी रोकने की कवायद
इंडिया गठबंधन अब सारा जोर वोटों की गिनती में गड़बड़ी रोकने पर लगा रहा है। इसके लिए गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाक़ात करके यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि वोटों की गिनती में पारदर्शिता बढ़ती जाए और किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हो। इसके लिए सबसे ज़रूरी बैलट पेपर को सबसे पहले गिनकर रिकॉर्ड में चढ़ाने की मांग की गई है। जनप्रतिनिधि कानून में यही प्रावधान है।
लेकिन पिछले कुछ चुनाव से आयोग बैलेट पेपर की गिनती तो पहले करता है लेकिन रिकॉर्ड पर सबसे आखिर में चढ़ता है। वोटों की गिनती के दौरान गड़बड़ी इसी में होती है।
साल 2020 में बिहार में, 2021 मैं पश्चिम बंगाल में और 2022 में उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर बैलट पेपर की बाद में हुई गिनती की वजह से नतीजे पलट गए थे, इसको लेकर काफी विवाद भी रहा। कुछ मामले अदालत तक भी गए हैं। 'इंडिया' गठबंधन ने चुनाव आयोग से मांग की है कि बैलट पेपर पहले गिने जाएं। उनके नतीजे आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद ही मशीनों की गिनती शुरू हो।
उम्मीदवारों को चौकस रहने के निर्देश
इंडिया गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को मतगणना के दौरान पूरी तरह चौकस रहने की हिदायत दी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने एक चेकलिस्ट जारी की थी। उन्होंने मशवरा दिया था कि सभी उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट फार्म 17 सी में दी गई जानकारी को वेरीफाई करने के बाद ही मतगणना के लिए मशीन खोलने के लिए हामी भरें। इंडिया गठबंधन के सभी उम्मीदवार वोटों की गिनती में गड़बड़ी रोकने के लिए पहली नजर गड़ाए रहेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने उम्मीदवारों से इस संबंध में सीधे बात करके ज़रूरी हिदायत दी है। अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव में खामियाजा भुगत चुके हैं लिहाज़ा इस बार उन्होंने हर लोकसभा सीट पर दो-तीन डमी उम्मीदवार उतारे। ताकि हर मतगणना केंद्र पर उनके ज्यादा एजेंट मौजूद रहें।
सवालों के घेरे में चुनाव आयोग
पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग सवालों के घेरे में रहा है। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ़ से दिए गए लगातार सांप्रदायिक भाषणों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की। इसे लेकर उसकी विदेशी मीडिया तक में आलोचना हुई है। हर चरण में मतदान के दिन और कई दिन बाद जारी किए गए आंकड़ों में बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर चुनाव आयोग ने बार-बार पूछे जाने पर भी कोई जवाब नहीं। हद तो तब हो गई जब रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि गृहमंत्री अमित शाह ने 150 ज़िलाधिकारियों को फोन किया है, इस पर चुनाव आयोग ने जयराम रमेश से ही उन जिलाधिकारियों के नामों की लिस्ट मांग ली।
इंडिया गठबंधन की रणनीति से बीजेपी घबराई?
इंडिया गठबंधन की अति सक्रियता और मतगणना को लेकर दिखाई जा रही चौकसी से बीजेपी में घबराहट साफ दिख रही है। बीजेपी किस हद तक अंदर से घबरा गई है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल के चुनाव आयोग जाने के फौरन बाद ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में बीजेपी के नेता भी चुनाव आयोग पहुंच गए। बीजेपी ने भी चुनाव आयोग से वोटों की गिनती में पारदर्शिता बरतने की मांग की है। चुनाव आयोग को सौंपे गए उसके ज्ञापन में एक बिंदु बेहद हैरान करने वाला है। इसमें नतीजे की घोषणा के समय अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव में मतदान से ज्यादा मतगणना महत्वपूर्ण हो गई है।
क्या है एग्जिट पोल का दावा?
सभी टीवी चैनलों पर दिखाए गए एग्जिट पोल में देश में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है। ज्यादातर में एनडीए को मिलने वाली सीटों की संख्या 350 से 400 पार तक बताई गई है। एनडीए को सबसे ज़्यादा 385 से 415 सीटें न्यूज़24 पर दिखाए गए चाणक्य के एग्जिट पोल ने दी हैं। वहीं आज तक पर एक्सिस माय इंडिया ने एनडीए को 361 से 401 सीटें और इंडिया टीवी-सीएनक्स ने 371 से 401 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल ने एनडीए को सबसे कम 281 से 350 सीट मिलने का अनुमान लगाया है। दैनिक भास्कर के मुताबिक इंडिया गठबंधन को 145 से मिल सकती हैं। सिर्फ देशबंधु अखबार के डीबी लाइव डिजिटल प्लेटफॉर्म ने देश में 260 से 295 सीटों के साथ इंडिया गठबंधन की सरकार बनने का दावा किया है। तमाम टीवी चैनलों के एग्जिट पोल के नतीजे बीजेपी के दावे के मुताबिक हैं तो वहीं दशबंधु के एग्जिट पोल कांग्रेस के दावे की पुष्टि करता दिख रहा है।
हर चुनाव में कुछ एग्ज़िट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं तो कुछ के ग़लत। ऐसा पहली बार हो रहा है कि तमाम टीवी चैनलों के एग्जिट पोल एक ही सुर में एक जैसी सीटें और लगभग एक जैसा वोट प्रतिशत मिलने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। इसीलिए इन्हें लेकर सवाल उठ रहे हैं। इंडिया गठबंधन का दावा है कि एक जैसा अनुमान दिखाकर मीडिया ने मोदी सरकार के पक्ष में माहौल बनाकर विपक्ष के ख़िलाफ़ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ दिया है। इसी युद्ध में जीत हासिल करने के लिए अब इंडिया गठबंधन को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। इसीलिए ऐसा लग रहा है कि इंडिया गठबंधन अब हारी हुई बाज़ी पलटने की कोशिश कर रहा है।
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