कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्षी दलों के 60 सांसदों ने दस्तख़त किए हैं। ख़ास बात यह है कि अडानी मुद्दे पर संसद में लगातार चल रहे कांग्रेस के प्रदर्शन से किनारा कर चुकी त्रृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने भी इस पर दस्तख़त किए हैं। उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 50 सांसदों के दस्तख़त ज़रूरी होते हैं। इससे पता चलता है कि उपराष्ट्रपति के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों के सांसदों में कितना ग़ुस्सा है।
उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से विपक्ष को क्या हासिल होगा?
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2025

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव क्यों पेश किया गया? क्या इसका मक़सद उपराष्ट्रपति पर लग रहे गंभीर आरोपों को संसद के रिकॉर्ड में दर्ज कराना है?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से विपक्षी दलों की नाराजगी का अंदाजा अविश्वास प्रस्ताव लाने के ऐलान से होता है। इसकी जानकारी देते हुए कांग्रेस के महासचिव और मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने 'एक्स' पर लिखा, "राज्य सभा के माननीय सभापति द्वारा अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीक़े से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण INDIA ग्रुप के सभी घटक दलों के पास उनके ख़िलाफ़ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। INDIA की पार्टियों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है। यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है।"