गत 5 मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार करीब एक हज़ार वर्ग किलोमीटर के भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर बैठी चीनी सेना के लिये 29-30 अगस्त की रात दूसरी क़यामत की रात साबित हुई। चीनी सेना ने कल्पना नहीं की थी कि भारतीय सैनिक गलवान घाटी में उसके सैनिकों के ख़िलाफ़ इतनी बहादुरी से लड़ेंगे। उसी तरह पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के इलाके में 15 हजार फीट ऊँची चोटियों पर भारतीय सेना द्वारा अपने सैनिकों को बैठा देना चीन के लिये दूसरी बड़ी शर्मिंदगी का कारण बना।