गत 5 मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार करीब एक हज़ार वर्ग किलोमीटर के भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर बैठी चीनी सेना के लिये 29-30 अगस्त की रात दूसरी क़यामत की रात साबित हुई। चीनी सेना ने कल्पना नहीं की थी कि भारतीय सैनिक गलवान घाटी में उसके सैनिकों के ख़िलाफ़ इतनी बहादुरी से लड़ेंगे। उसी तरह पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के इलाके में 15 हजार फीट ऊँची चोटियों पर भारतीय सेना द्वारा अपने सैनिकों को बैठा देना चीन के लिये दूसरी बड़ी शर्मिंदगी का कारण बना।
लद्दाख में क्यों बौखलाई हुई है चीनी सेना?
- विश्लेषण
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- 8 Sep, 2020

चीन की तिलमिलाहट इससे झलकती है कि भारतीय सैन्य कार्रवाई का बदला लेने के लिये 31 अगस्त को फिर भड़काने वाली कार्रवाई की गई, लेकिन भारतीय सैनिकों ने रक्षात्मक कार्ऱवाई कर चीनी हमले को नाकाम कर दिया। चीनी सेना ने सहमति तोड़ने का आरोप लगाया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार देर शाम कहा कि 29 अगस्त की घटना पर चर्चा करने के लिये 31 अगस्त को जब भारतीय और चीनी सैनिक कमांडर बैठक कर रहे थे, तब चीनी सेना ने भारतीय सेना को फिर भड़काने की कोशिश की।