वैसे तो फ़िलहाल भारत में जॉर्ज सोरोस के नाम पर बवाल मचा है, लेकिन यह कहानी भारत से जुड़ी नहीं है। जॉर्ज सोरोस का नाम एक और देश में जोर-शोर से उछाला जाता रहा है। यह देश है हंगरी। वही हंगरी जहाँ के सोरोस मूल निवासी हैं। इसी साल जब यूरोपीय संघ के चुनाव हुए तो हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने जॉर्ज सोरोस के नाम का ख़ूब इस्तेमाल किया। वह मानते रहे कि इनके नाम पर पक्के तौर पर चुनावी जीत हासिल होगी। तो सवाल है कि जॉर्ज सोरोस के नाम का इस्तेमाल किस रूप में हो कि वोट मिलें? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जवाबदेह सरकार और न्याय व समानता को बढ़ावा देने वाले जॉर्ज सोरोस के रूप में या फिर उनको एक ख़तरे के रूप में पेश किया जाए?