दो राज्यों के चुनाव को कांग्रेस के भविष्य के साथ नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी के राजनैतिक भविष्य के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। लोकसभा चुनाव ने देश की राजनीति में बदलाव की शुरुआत की थी और उसके परिणामों ने मोदी शाह के हावभाव और शैली को बदल दिया था- संसद और सरकार का स्वरूप तो बदल ही गया था। कहना न होगा कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों ने बदलाव की यह प्रक्रिया थामी ही नहीं, उलटी है और संभव है कि कांग्रेस और विपक्ष की परेशानियां बढ़ती जाएं। जल्दी ही महराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के चुनाव होने हैं और एक राष्ट्र एक चुनाव जैसे कई बड़े फैसले होने हैं। इस बीच काफी मामलों में सरकार ने अपने बढ़े हुए कदम रोके थे या उसके सहयोगी दलों ने उसे क़दम वापस खींचने पर मजबूर किया था। अगर आगे के कुछ और चुनाव में भाजपा इसी तरह का प्रदर्शन करती है तो मोदी जी को अपने पुराने रंग-ढंग में लौटने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा। अपने फ़ैसलों और कार्यकाल, दोनों से वे रिकॉर्ड बनाने की तरफ़ बढ़ेंगे।