भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड एक माह बाद रिटायर हो रहे हैं. भूटान के एक लॉ कॉलेज के “दीक्षा-समारोह” में बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनकी चिंता है कि इतिहास उनके योगदान को कैसे आंकेगा. “मैने पूरी निष्ठा से देश की सेवा की है. मुझे इस बात की उत्सुकता है कि इतिहास मेरे कार्यकाल का मूल्यांकन कैसे करेगा. मैं दो साल तक देश की सेवा करने के बाद इस नवम्बर में सीजेआई के रूप में पद छोडूंगा. मेरा मन भविष्य और अतीत के बारे में आशंकाओं से घिरा है. मैं सोचता हूँ कि क्या मैंने सब पा लिया जिसे पाने का लक्ष्य रखा था? इतिहास मेरे कार्यकाल का मूल्यांकन कैसे करेगा? क्या मैं कुछ अलग कर सकता था? मैं जजों और भावी पीढ़ी के कानूनी पेशवरों के लिए क्या विरासत छोडूंगा. इनमें से ज्यादा प्रश्नों के उत्तर मेरे नियंत्रण से बाहर हैं. शायद मुझे कुछ सवालों के जवाब कभी नहीं मिलेंगें”.