भारत के मुख्य न्यायधीश की कुल चिन्ता यह है कि उनके रिटायरमेंट के बाद इतिहास उन्हें कैसे याद रखेगा। यह अच्छी बात है कि वो ऐसा सोच रहे हैं। शायद उन्हें अंदाजा हो गया है कि भारतीय न्याय पालिका की विश्वसनीयता दांव पर लगी हुई है। उसके क्षरण के लिए अकेले एक ही सीजेआई को जिम्मेदार नहीं ठहाराया जा सकता। भारतीय न्यायपालिका के जजों को शायद रह रह कर अयोध्या में राम जन्मभूमि की जमीन का फैसला, जकिया जाफरी को इंसाफ न मिलने का फैसला, सबरीमला का जजमेंट जैसे अनगिनत फैसले याद आते होंगे। वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह क्या कहना चाहते हैं, पढ़ियेः