बनारस के सिविल जज आशुतोष तिवारी द्वारा विजय शंकर रस्तोगी की याचिका पर काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मसजिद के संदर्भ में ASI सर्वे का आदेश न्यायपालकीय अल्जाइमर का ताज़ा उदाहरण है।
लोकतांत्रिक होने के लिए उसमें हर एक वर्ग, जाति, समुदाय की मौजूदगी ज़रूरी है। लोकतांत्रिक होने की इस कसौटी पर भारतीय मीडिया खरा नहीं उतरता है क्योंकि इसमें वह विविधता नहीं है।