कोरोना महामारी की वजह से पूर्व एशिया और प्रशांत इलाक़ों में लगभग एक करोड़ 10 लाख लोगों की आर्थिक स्थिति ख़स्ता हो जाएगी और वे ग़रीबी रेखा से नीचे चले जाएंगे।