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प्रतीकात्मक तस्वीर।

ड्रोन स्ट्राइक करने वाले हूती विद्रोहियों पर यमन में अमेरिका, ब्रिटेन का हमला

लाल सागर, अदन की खाड़ी और अरब सागर में जहाजों पर ड्रोन हमले को लेकर 'आख़िरी चेतावनी' के बाद अब अमेरिका और ब्रिटेन ने हूती विद्रोहियों पर हमले शुरू कर दिए हैं। उन्होंने यमन में हूती विद्रोहियों से जुड़ी जगहों को निशाना बनाया। ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा पिछले साल के अंत में लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग को निशाना बनाना शुरू करने के बाद से यह पहला हमला है। इजराइल-हमास युद्ध के बीच यमन के लाल सागर, अरब सागर और अदन की खाड़ी में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा विभिन्न वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाया गया है। इनमें वे जहाज भी शामिल हैं जो भारत आ रहे थे और जिसमें भारतीय चालक दल के सदस्य रहे थे। 

हाल में भारत आ रहे कम से कम दो टैंकरों को ड्रोन से निशाना बनाया गया था। दोनों घटनाएँ पिछले साल दिसंबर महीने में हुई थीं। एक घटना गुजरात तट के पास हुई थी। एक विस्फोट हुआ था और जहाज पर आग लग गई थी। कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन आग से जहाज को कुछ नुकसान हुआ। चालक दल में 21 भारतीय शामिल थे।

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एक घटना लाल सागर में भी हुई थी। भारत आ रहे एक कच्चे तेल के टैंकर पर लाल सागर में ड्रोन से हमला किया गया था। इसको लेकर अमेरिकी रिपोर्ट के बाद भारतीय नौसेना ने हमले की पुष्टि की थी।

बढ़ते ड्रोन हमलों के बीच भारतीय नौसेना ने मध्य और उत्तरी अरब सागर में अपने समुद्री निगरानी प्रयासों को बढ़ा दिया है। इसके साथ ही अदन की खाड़ी में भी निगरानी बढ़ाई गई है। नौसेना ने एक बयान में कहा था कि समुद्री सुरक्षा अभियान चलाने और किसी भी घटना की स्थिति में व्यापारिक जहाजों की मदद करने के लिए विध्वंसक और फ्रिगेट वाले नौसेना कार्य समूहों को तैनात किया गया है। इससे कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि केंद्र सरकार ने मर्चेंट नेवी के जहाजों पर हाल के हमलों को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने हमलावरों को चेताया था कि उन्हें समुद्र के पाताल से भी ढूंढ निकाला जाएगा और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

बहरहाल, अमेरिका और ब्रिटेन ने हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी है। यमन में प्रत्यक्षदर्शियों ने रॉयटर्स को बताया कि पूरे देश में विस्फोट हुए हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार देर रात एक बयान में आगाह किया कि अगर ज़रूरत पड़ी तो वह आगे की कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे। बाइडेन ने कहा,

ये लक्षित हमले एक साफ़ संदेश हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे साझेदार हमारे कर्मियों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे या शत्रुतापूर्ण अभिनेताओं को नेविगेशन की स्वतंत्रता को खतरे में डालने नहीं देंगे।


जो बाइडेन, अमेरिकी राष्ट्रपति

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शुरुआती संकेत हैं कि व्यापारी जहाजरानी को धमकाने की हूतियों की क्षमता को झटका लगा है। एक हूती अधिकारी ने कई जगहों पर हमले की पुष्टि की। एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर रायटर्स से कहा है कि हमले विमान, जहाज और पनडुब्बी द्वारा किए जा रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि एक दर्जन से अधिक स्थानों को निशाना बनाया गया और हमलों का उद्देश्य हूती की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना है और ये सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है।
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हूती का कहना है कि उनके हमले ग़ज़ा को नियंत्रित करने वाले फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के समर्थन में हैं। हूती ने अब तक 27 जहाजों पर हमला किया है, जिससे यूरोप और एशिया के बीच प्रमुख मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य बाधित हो गया है, जो दुनिया के शिपिंग यातायात का लगभग 15% है। 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास के हमले के बाद इज़राइल ने सैन्य हमला किया है जिसमें गजा में 23,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। हमास के हमले में 1,200 इजराइली मारे गए थे।

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क़मर वहीद नक़वी
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