ऐसे समय जब डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन 306 इलेक्टोरल वोटों के साथ राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए हैं, उनकी ट्रांजिशन टीम सत्ता हस्तांतरण के लिए तैयार है और सोमवार से विदेश व रक्षा विभाग उन्हें महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ देना शुरू कर देगा, राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के हजारों समर्थकों ने जुलूस निकाल कर दावा किया है कि चुनाव तो ट्रंप ने जीता है।
हिंसा, चाकूबाजी
इन ट्रंप समर्थकों ने कई जगहों पर सड़कों पर हिंसा की, तोड़फोड़ की, मारपीट की और एक जगह छुरेबाजी भी की। पुलिस ने 20 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है। इनमें से चार लोगों को बंदूक के इस्तेमाल करने के मामलों में गिरफ़्तार किया गया है।
ख़ास ख़बरें
वर्जीनिया स्थित अपने गॉल्फ़ क्लब जा रहे राष्ट्रपति ने अपने हुड़दंग मचा रहे समर्थकों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की, उल्टे उन्होंने हाथ हिला कर उनका अभिवादन किया, एक तरह से उनका समर्थन किया।
मिलियन मैगा मार्च
इस प्रदर्शन को मिलियन मैगा मार्च कहा गया है, जिसके तहत, हज़ारों लोग फ्रीडम प्लाज़ा पर आ जमा हुए। ह्वाइट हाउस के प्रेस सचिव केले इमैनेनी ने दावा किया कि इस मार्च में एक मिलियन यानी दस लाख लोगों ने भाग लिया। वहां तैनात एक सुरक्षा कर्मी ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, ‘यह कोई 4 जुलाई नहीं है। लेकिन हां, भीड़ तो है ही।’ बता दें कि 4 जुलाई अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस है।इसके एक दिन पहले ही डेमोक्रेट उम्मीदवार ने जॉर्जिया का चुनाव जीत लिया, जहाँ 16 सीटें हैं। इसके साथ ही बाइडन के वोटों की संख्या 306 हो गई, ट्रंप 232 सीटों पर रह गए। अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 538 में से 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करना जरूरी है। अब जबकि सभी इलेक्टोरल वोटों के नतीजे आ गए हैं और बाइडन को 306 सीटें मिल गई हैं, उन्हें विजेता मान लिया गया है।
हार नहीं मानेंगे ट्रंप
पर डोनल्ड ट्रंप ऐसा मानने को तैयार नहीं हैं। उनका दावा है कि चुनाव तो उन्होंने ही जीता है, लेकिन बड़े पैमाने पर धाँधली कर उन्हें हरा दिया गया है। दूसरी ओर, अमेरिका के सभी राज्यों के चुनाव अफ़सरों ने अलग-अलग यह कहा है कि धाँधली होने का कोई सबूत उन्हें नहीं मिला है। बता दें कि अमेरिका में भारत की तरह कोई केंद्रीय चुनाव आयोग नहीं होता है, वहाँ हर राज्य के अपने-अपने चुनाव अधिकारी होते हैं।ट्रंप के समर्थकों ने ‘मिलियन मैगा रैली’ के अलावा ‘स्टॉप द स्टील’ और ‘वूमन फ़ॉर ट्रंप’ रैली भी निकाली।
क्या कहना है लोगों का?
अलाबामा के रैचल विलियम्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि वह यह मानती हैं कि चुनाव में घपला नहीं किया गया है, पर वोटों की गिनती पर उन्हें संदेह है।इसके अलावा फ़ेडरल, राज्यों और स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने भी कहा है कि चुनाव में घपले की बात बेबुनियाद है, गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं है और यह अब तक के सबसे अधिक विश्वसनीय चुनावों में एक है।
लेकिन शनिवार दोपहर को हजारों लोगों की भीड़ वाशिंगटन के पेनसिलवेनिया एवेन्यू से बाहर निकल कर कैपिटॉल की ओर बढ़ने लगी। वे सब सुप्रीम कोर्ट के बाहर जमा होकर प्रदर्शन करने लगे।
हिस्पानी मूल के एंथनी कबासा ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, ‘डोनल्ड ट्रंप ने हम सबको जगाया, लोग वामपंथी हों या दक्षिणपंथी, ट्रंप ने सबको जगाया है।’
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निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन व उप राष्ट्रपति कमला हैरिस
ट्रंप के साथ उग्रपंथी गुट
थोड़ी देर बाद प्राउड बॉयज नामक उग्रपंथी संगठन के करीब 40 लोगों ने फ्रीडम प्लाज़ा के पास ट्रंप के समर्थन में जुलूस निकाला। बता दें कि कम से कम 9 उग्रपंथी समूहों ने चुनाव के पहले ही एलान किया था कि वे ट्रंप के राष्ट्रपति नहीं चुने जाने के फ़ैसले को नहीं मानेंगे।उन्होंने हिंसा की धमकी दी थी और बड़े पैमाने पर हथियार खरीदे थे। प्राउड बॉयज़ के लोगों ने काली-पीली पोशाक पहन रखी थी और उन लोगों ने हवा में मुक्का मार कर जोर से नारा लगाया, ‘ट्रंप फॉर 2020’।
इसके बाद हिंसा की आशंका और बढ़ गई जब इन प्रदर्शनों के ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने ऐसे चार लोगों को गिरफ़्तार कर लिया। इन लोगों ने ट्रंप समर्थकों की ओर बोतलें फेंकी और नारे लगाए।
रात के 9 बजते-बजते ट्रंप समर्थकों का सैलाब सड़कों पर था। वे नाच रहे थे, शोरगुल कर रहे थे, नारे लगा रहे थे, हवा में मुक्के मार रहे थे, बोतलें और बियर के कैन फेंक रहे थे, वे शोरगुल कर रहे थे। अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव हो चुका है, ट्रंप हार चुके हैं, पर इसे मानने को न तो वे तैयार हैं न ही उनके समर्थक। सवाल है, यदि ट्रंप ने पद से हटने से इनकार कर ही दिया तो क्या होगा।
डोनल्ड ट्रंप के पद से हटने से भारत को क्या नफ़ा-नुकसान हो सकता है, देखें यह वीडियो।
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