क्या कहा ट्रंप ने?
ह्वाइट हाउस कोरोना टास्क फ़ोर्स की ब्रीफिंग चल रही थी। इसमें यह बताया गया कि किस तरह सूर्य की रोशनी और गर्मी के प्रभाव में कोरोना वायरस कमज़ोर हो गया। यह भी कहा गया था कि ब्लीच और अलकोहल से भी इस वायरस को कम किया जा सकता है।“
‘और कीटनाशक तो एक मिनट में ही अपना काम कर दिखाता है। क्या ऐसा कोई रास्ता है जिससे हम ऐसा कर सकें? हम रोगी के शरीर में इसे इंजेक्शन से डाल दे और वह शरीर की सफ़ाई कर दे। इसकी जाँच करना दिलचस्प होगा।’
डोनल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका
बवाल
इसके बाद उन्होंने कहा कि वह कोई डॉक्टर नहीं हैं, एक सामान्य आदमी हैं और इस तरह की जानकारी रखते हैं। इसके बाद वहाँ यह सवाल उठा कि क्या क्या राष्ट्रपति इस तरह की बातें कर आम जनता के बीच ग़लत धारणा फैला रहे हैं। डॉक्टरों ने ट्रंप के इस बयान पर हैरत जताते हुए कहा है कि ऐसा करने से मौत भी हो सकती है।‘शरीर में किसी तरह के कीटनाशक या सफ़ाई करने वाली चीज डालने की बात कहना बेहद ग़ैर ज़िम्मेदाराना और ख़तरनाक बयान है। जब कोई आत्महत्या करना चाहता है, ऐसा करता है।’
'मत मानिए ट्रंप के सुझाव'
अमेरिकी राज्य वेस्ट वर्जीनिया के चार्ल्सटन शहर में रहने वाले डॉक्टर काशिफ़ महमूद ने कहा, ‘एक डॉक्टर के रूप में मैं कोरोना के इलाज के लिए शरीर में कीटनाशक का इंजेक्शन देने या अल्ट्रा वॉयलेट किरणों का इस्तेमाल करने की सिफ़ारिश कभी नहीं कर सकता। ट्रंप के मेडिकल सुझावों को मत मानिए।’अमेरिका के सरकारी अस्पतालों और सेना के रिटायर्ड लोगों के अस्पतालों में परीक्षण करने पर पाया गया कि कोरोना पर क्लोरोक्वीन के प्रयोग से मरने वाले रोगियों की संख्या बढ़ गई।
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