अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता को अचानक रोक दिया है। यह फैसला पिछले सप्ताह यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के साथ उनकी तीखी नोकझोंक के बाद लिया गया है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने सोमवार (3 मार्च 2025) को यह जानकारी दी। इस कदम से यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका की नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, जिसके दूरगामी नतीजे हो सकते हैं।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा, "राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि उनका ध्यान शांति पर है। हमें अपने सहयोगियों से यह अपेक्षा है कि वे भी इस लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहें। हम अपनी सहायता को रोक रहे हैं और उसकी समीक्षा कर रहे हैं। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह किसी समाधान में योगदान दे रही है।" इस घोषणा के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
- तीन साल पहले रूस के हमले के बाद अमेरिका ने यूक्रेन को कुल 175 बिलियन डॉलर की मदद मंजूरी की।
- दिसंबर में, पद छोड़ने से पहले, पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अतिरिक्त 5.9 बिलियन डॉलर की घोषणा की।
- यूक्रेन को अमेरिकी सहायता विश्व बैंक ट्रस्ट फंड के जरिये मिलती है। यूएसएड से भी मदद मिलती रही थी।
- ट्रम्प ने सारी मदद को रोक दिया है।
खनिज सौदे पर भी अनिश्चितताः ट्रम्प प्रशासन यूक्रेन के साथ एक खनिज सौदे को लेकर भी चर्चा में था, जिसे अमेरिका के लिए फायदेमंद माना जा रहा था। इस सौदे को रूस के यूक्रेन पर तीन साल पहले किए गए आक्रमण के बाद दी गई अरबों डॉलर की वित्तीय और सैन्य सहायता की भरपाई के रूप में देखा जा रहा था।
सोमवार को जब ट्रम्प से पूछा गया कि क्या यह सौदा अब खत्म हो गया है, तो उन्होंने व्हाइट हाउस में कहा, "नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता।" ट्रम्प ने इसे "हमारे लिए एक शानदार सौदा" करार दिया और कहा कि वे मंगलवार रात को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते समय इस स्थिति पर अपडेट देंगे।
यूक्रेन के लिए संकट की घड़ीः यूक्रेन पिछले तीन साल से रूस के साथ युद्ध लड़ रहा है और इस दौरान अमेरिका उसका सबसे बड़ा सहयोगी रहा है। अमेरिका ने अब तक यूक्रेन को हथियारों, गोला-बारूद और अन्य सैन्य हथियारों के रूप में अरबों डॉलर की सहायता दी है। ट्रम्प के इस फैसले से यूक्रेन की रक्षा क्षमता पर गंभीर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी सहायता बंद होती है, तो यूक्रेन के लिए रूस के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत रखना मुश्किल हो सकता है।
पिछले सप्ताह हुई बैठक के दौरान ट्रम्प ने जेलेंस्की से कहा था कि वे शांति की दिशा में कदम बढ़ाएं, लेकिन जेलेंस्की ने रूस के साथ समझौते की संभावनाओं को "दूर, बहुत दूर" करार दिया था। ट्रम्प ने इसे "सबसे खराब बयान" बताया और कहा कि जेलेंस्की शांति नहीं चाहते, जब तक कि उन्हें अमेरिका और यूरोप का समर्थन मिलता रहे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाः ट्रम्प के इस फैसले ने यूरोपीय नेताओं को भी चिंता में डाल दिया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने रविवार को कहा था कि यूरोप अब यूक्रेन को "दोगुना मदद" देगा। हम सब यूक्रेन के साथ हैं। हालांकि अमेरिका को एक "भरोसेमंद सहयोगी" भी करार दिया गया। लेकिन ट्रम्प के इस कदम से यूरोप पर दबाव बढ़ सकता है कि वह यूक्रेन को और अधिक सैन्य और वित्तीय सहायता प्रदान करे। ब्रिटेन के अलावा फ्रांस, जर्मनी ने भी खुलकर यूक्रेन का समर्थन किया।
आलोचना और समर्थन
अमेरिका में इस फैसले की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने ट्रम्प के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह अमेरिका को अनावश्यक विदेशी संघर्षों से दूर रखने की दिशा में एक कदम है। वहीं, डेमोक्रेट्स और यूक्रेन समर्थक नेताओं ने इसे "लापरवाही भरा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा" करार दिया है। पेन्सिलवेनिया के डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि ब्रेंडन बॉयल ने कहा, "यह सहायता कांग्रेस ने द्विपक्षीय आधार पर मंजूर की थी। ट्रम्प का यह कदम लोकतंत्र और पुतिन की आक्रामकता के खिलाफ खड़े होने के हमारे संकल्प को कमजोर करता है।"
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