ढाई महीने पहले तक जिस श्रीलंका में ऊपरी तौर पर सिर्फ़ बिजली संकट दिख रहा था वहाँ अब कंगाली है। यानी फ्यूल संकट के साथ ही, भोजन का संकट, अप्रत्याशित महंगाई, अर्थव्यवस्था चौपट और अब तो राजनीतिक संकट भी। श्रीलंका के सामने जिस तरह की आर्थिक हालत महीनों पहले थी, कुछ उसी तरह की स्थिति दुनिया के कई अन्य देशों के सामने अब है। तो सवाल है कि क्या उन देशों के सामने भी श्रीलंका जैसा ख़तरा मंडरा रहा है? आख़िर इन देशों की आर्थिक और राजनीतिक हालत कैसी है?