जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से बुरी तरह बौखलाये हुए पाकिस्तान ने भारत को युद्ध की गीदड़ भभकी दी है। पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख़ राशिद ने बुधवार को इस बात की आशंका जताई है कि दोनों देशों के बीच अक्टूबर के आख़िर में या नवंबर-दिसंबर में युद्ध हो सकता है।
इससे पहले जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पाकिस्तान के लोगों को संबोधित किया था तो उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है और वह कश्मीर के लिए न्यूक्लियर पॉवर का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेगा। ख़ान ने कहा था कि कश्मीर पर नरेंद्र मोदी ने बड़ी गलती कर दी है और यह कश्मीरियों के लिए आज़ादी लेने का ऐतिहासिक अवसर है। ख़ान ने कहा था कि कश्मीर पर फ़ैसला लेने का वक़्त आ गया है।
शेख़ राशिद ने रावलपिंडी में एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं अक्टूबर के आख़िर और नवंबर-दिसंबर में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग होता देख रहा हूँ। इसके लिए मैं कौम को तैयार करने निकला हूँ।’ राशिद ने आगे कहा, ‘ये ज़रूरी नहीं कि जंग हो लेकिन जिस मोदी को बाक़ी सियासतदानों ने समझने में ग़लती की, मैंने उसे समझने में कभी भी ग़लती नहीं की। 24-25 करोड़ मुसलमान पाकिस्तान की ओर देख रहा है। आज हमें अपने सभी मतभेदों को भुलाकर कश्मीर के साथ कंधे से कंधा मिलाना है।’
बता दें कि अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से ही पाकिस्तान इस मुद्दे पर कई देशों से मदद माँग चुका है लेकिन सिवाय एक-दो देशों के उसे किसी ने भी समर्थन नहीं दिया है। इससे बौखलाकर वह आतंकवाद फैलाने की अपनी रणनीति पर काम कर सकता है। कुछ दिन पहले ख़बर आई थी कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सात सदस्यों के आत्मघाती दस्ते ने भारत में घुसपैठ की है।
ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक़, यह दस्ता भारत में किसी बड़ी आतंकवादी हरक़त को अंजाम दे सकता है। यह वही जैश-ए-मोहम्मद है, जिसने भारत में इस साल पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था। इसका सरगना मसूद अज़हर है, जिसे भारत के दबाव में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जा चुका है।
जबकि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से ही भारत की संसद से लेकर हर मंच तक भारत कहता रहा है कि कश्मीर उसका आतंरिक मामला है। संयुक्त राष्ट्र में भी भारत कश्मीर के मुद्दे पर अपनी बात पूरी मजबूती के साथ रख चुका है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा था कि भारत की राष्ट्रीय स्थिति यही थी और यही रहेगी कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। अमेरिका हो या फिर रूस हर किसी ने अनुच्छेद 370 पर फ़ैसले को भारत का आंतरिक मसला बताया है।
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