पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की अवाम पर शहबाज शरीफ सरकार ने महंगाई का एक और बम फोड़ दिया है। शरीफ सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर से 30 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। सरकार ने 26 मई की रात को ही पेट्रोल और डीजल में 30 रुपए बढ़ाए थे।
इस नई बढ़ोतरी के बाद पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 209.86 रुपए जबकि डीजल की कीमत 204.15 रुपए प्रति लीटर हो गई है। इस तरह 1 हफ्ते के अंदर पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल पर 60 रुपए बढ़ गए हैं।
मिट्टी का तेल भी काफी महंगा हो गया है और यह 181.56 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।
मुल्क के पूर्व वजीर-ए-आजम इमरान खान ने अपनी पार्टी पीटीआई के कार्यकर्ताओं से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ सड़कों पर उतरने को कहा है।
बिजली भी महंगी
पेट्रोल-डीजल के अलावा बिजली की कीमत भी बढ़ गई है और इसमें प्रति यूनिट 7.91 रुपए का इजाफा हुआ है। अब पाकिस्तान के लोगों को बिजली के लिए 16.91 रुपए के बजाय 24.82 रुपए प्रति यूनिट चुकाने होंगे। निश्चित रूप से पाकिस्तान की अवाम महंगाई की बड़ी मार झेल रही है।
लोगों ने किया प्रदर्शन, तोड़फोड़
पेट्रोल-डीजल के महंगा होने से गुस्साए लोगों ने पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में कई जगहों पर पेट्रोल पंपों पर तोड़फोड़ की है।
गुरूवार रात को कराची में कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने पेट्रोल पंपों पर धावा बोल दिया।
इस दौरान लोगों ने शहबाज शरीफ हुकूमत और पेट्रोल पंप के मालिकों के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। जिन शहरों में प्रदर्शन हुआ है उनमें लड़काना, शिकारपुर, जामशोरो, रहीम यार खान आदि शामिल हैं।
हालात बिगड़ने की वजह से कराची के कई इलाकों में पेट्रोल पंपों को बंद कर दिया गया। इस वजह से कई जगहों पर लोगों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिल सका और इससे लोग और ज्यादा भड़क गए।
घी और खाद्य तेल भी महंगे
इसके साथ ही हुकूमत ने घी और खाद्य तेलों की कीमतों में भी बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी बीते बुधवार से लागू हुई है। घी की कीमत 208 रुपए प्रति किलो जबकि खाद्य तेलों की कीमत 213 रुपए प्रति लीटर बढ़ गई है। इस बढ़ोतरी के बाद घी 555 रुपए प्रति किलो और खाद्य तेल 605 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। यह पाकिस्तान में अब तक घी और खाद्य तेलों के सबसे ज़्यादा दाम हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई जबरदस्त बढ़ोतरी का सीधा असर दूध, सब्जी, फल, ब्रेड आदि चीजों पर पड़ेगा। पाकिस्तान के आर्थिक जानकारों के मुताबिक, आने वाले दिनों में इन सभी जरूरी चीजों के दाम भी बढ़ेंगे और तब पाकिस्तान की अवाम के लिए जीना और मुश्किल हो जाएगा।
रुपया भी कमजोर
दूसरी ओर, पाकिस्तानी रुपया भी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरता जा रहा है और यह 196 से 197 रुपए के आसपास चल रहा है। कुछ दिन पहले यह 202 रुपए तक गिर गया था।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल का कहना है कि शहबाज शरीफ सरकार को ऐसे फैसले आर्थिक हालात को देखते हुए लेने पड़े हैं। उन्होंने कहा है कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ाए बिना पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन नहीं मिलेगा और मुल्क के जो आर्थिक हालात हैं उसमें आईएमएफ से लोन लेना बहुत जरूरी है।
आईएमएफ से नहीं मिला लोन
पाकिस्तान की हुकूमत लगातार आईएमएफ से बातचीत कर रही है। हुकूमत का कहना है कि उसे आईएमएफ की कुछ शर्तों को मानना ही होगा और वह पेट्रोल और डीजल पर नुकसान नहीं उठा सकती।
शहबाज शरीफ की हुकूमत आईएमएफ से तीन अरब डॉलर का आर्थिक बेलआउट पैकेज लेने की कोशिश में जुटी हुई है। लेकिन अभी तक उसे इसमें सफलता नहीं मिली है।
इसके अलावा इमरान खान ने मुल्क में जल्दी चुनाव कराने की मांग को लेकर हमला बोला हुआ है और हाल ही में उन्होंने इस्लामाबाद तक आज़ादी मार्च निकाला था।
श्रीलंका जैसे हालात?
जिस तरह के हालात पाकिस्तान में बन रहे हैं उसमें यह भी कहा जा रहा है कि वह कहीं श्रीलंका के रास्ते पर तो आगे नहीं बढ़ रहा है। अप्रैल महीने में ही पिछले 2 साल में सबसे ज्यादा महंगाई दर दर्ज की गई थी।
पाकिस्तान की अवाम लगातार बढ़ रही महंगाई को लेकर शहबाज शरीफ की आलोचना कर रही है। दुकानदारों का कहना है कि जबरदस्त महंगाई की वजह से लोगों ने सामान खरीदना कम कर दिया है।
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