अफ़ग़ानिस्तान की अंतरिम सरकार को न तो समावेशी कहा जा सकता है न ही उदारवादी। इसमें मुल्ला अब्दुल सलाम हनफ़ी अकेले व्यक्ति हैं जो ग़ैर-पश्तून हैं। वे उज़बेक क़बीले के हैं। उनके अलावा सभी मंत्री पश्तून हैं।
आतंकवादियों की सरकार! जानें उन्हें जो अब चलाएंगे अफ़ग़ानिस्तान
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- 8 Sep, 2021

अफ़ग़ानिस्तान की अंतरिम सरकार में कौन लोग हैं, उनका आतंकवादी संगठनों से क्या रिश्ता रहा है, वे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी सूची में क्यों हैं, पढ़ें यह खबर।
मंत्रिमंडल में एक भी ताज़िक या तुर्कमान क़बीले का नहीं है। इसी तरह शिया इसलाम को मानने वाले हज़ारा समुदाय का भी कोई व्यक्ति नहीं है। किसी महिला या धार्मिक अल्पसंख्यक यानी हिन्दू या सिख की तो बात ही सोचना मुश्किल है।
इसी तरह इस मंत्रिमंडल को उदारवादी नहीं कहा जा सकता है। इनमें से ज़्यादातर तो संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में या अमेरिका की आतंकवादी सूची में थे।