अफ़ग़ानिस्तान की अंतरिम सरकार को न तो समावेशी कहा जा सकता है न ही उदारवादी। इसमें मुल्ला अब्दुल सलाम हनफ़ी अकेले व्यक्ति हैं जो ग़ैर-पश्तून हैं। वे उज़बेक क़बीले के हैं। उनके अलावा सभी मंत्री पश्तून हैं।