लेबनानी अल-अखबार ने रिपोर्ट दी है कि अमेरिका ने ग़ज़ा पट्टी को मानवीय सहायता के बदले ग़ज़ा में अपहृत नागरिकों की रिहाई के लिए हमास को एक समझौता प्रस्ताव दिया है। इज़राइल के अख़बार हारेत्ज़ की रिपोर्ट में कहा गया है कि लेबनानी अल-अख़बार की रिपोर्ट पर अखबार के संपादक अब्राहम अल-निम के हस्ताक्षर हैं। निम हमास के वरिष्ठ अधिकारियों और हिजबुल्लाह नेतृत्व के करीबी हैं।
हारेत्ज़ ने लेबनानी अख़बार के हवाले से रिपोर्ट दी है कि हमास ने कई शर्तें रखी हैं और यह पता लगाने की मांग की कि अपहृत लोगों में से कौन विदेशी नागरिक हैं और उनमें से किसने आईडीएफ में सेवा दी है।
पिछले सप्ताह हमास के हमले के बाद इज़राइल और फिलिस्तीनी समूह हमास के बीच चल रहे युद्ध में कम से कम 4,000 लोग मारे गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार इनमें 2,600 से अधिक फिलिस्तीनी और 1,400 इजराइली शामिल हैं। 10,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि हमास ने इज़राइल से क़रीब 150 लोगों को बंधक बनाया है। इन बंधकों में विदेशी भी शामिल हैं। इधर हमले के विरोध में इज़राइल ने ग़ज़ा को ईंधन, पानी, भोजन और बिजली की आपूर्ति बंद कर दी है। अब संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी कार्यालय ने चेतावनी दी है कि ग़ज़ा पट्टी के अस्पतालों में अगले 24 घंटों में ईंधन ख़त्म हो जाएगा। इसका मतलब है कि संकट कई गुना बढ़ जाएगा।
Each one of these two objectives are valid in themselves. They should not become bargaining chips and they must be implemented because it is the right thing to do.
— António Guterres (@antonioguterres) October 15, 2023
गुटेरेस ने रविवार को एक बयान में कहा है कि जब हम मध्य पूर्व में रसातल के कगार पर हैं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में दो मजबूत मानवीय अपील करना मेरा कर्तव्य है। उन्होंने कहा, 'इन दोनों उद्देश्यों में से प्रत्येक अपने आप में मान्य है। उन्हें सौदेबाजी के साधन नहीं बनना चाहिए और उन्हें लागू किया जाना चाहिए क्योंकि यह सही काम है।'
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