राष्ट्रपति बनने का सपना देख रहे डोनल्ड ट्रंप को झटका लग सकता है। डोनल्ड ट्रम्प पर हश-मनी मामले में मुकदमा शुरू हो गया है। सुनवाई के लिए जूरी का चयन किया जा रहा है। इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति पर उनके यौन संबंधों को लेकर ख़बरों को दबाने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया था। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन ने ट्रम्प को चेतावनी दी कि यदि वह कार्यवाही में हस्तक्षेप करेंगे तो उन्हें जेल जाना होगा। उन्होंने सख़्त अंदाज में कहा कि ट्रम्प के ख़िलाफ़ मुकदमे की कार्यवाही उनकी अनुपस्थिति में भी जारी रहेगी।
डोनल्ड ट्रम्प पर मैनहट्टन ग्रांड जूरी द्वारा पिछले साल मार्च महीने में अभियोग चलाने की मंजूरी दी गई थी। अमेरिकी इतिहास में एक आपराधिक आरोप का सामना करने वाले वह पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं।
डोनल्ड ट्रंप पर आरोप एक भुगतान को लेकर लगा है। यह 2016 का मामला है जब वह पहली बार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर अभियान चला रहे थे। इस मामले में जाँच 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान विवाहेतर यौन संबंध को लेकर किए जा रहे दावों को कथित तौर पर दबाने के लिए किए गए भुगतान पर केंद्रित थी। यह भुगतान कथित तौर पर एडल्ट फिल्म अभिनेत्री स्टॉर्मी डैनियल्स से जुड़ा था।
अभियोजकों ने महीनों तक उस स्टॉर्मी डेनियल्स और पूर्व प्लेबॉय मॉडल करेन मैकडॉगल को भुगतान किए गए धन की छानबीन की, जिनके बारे में उन्हें आशंका थी कि उनके साथ उनके विवाहेतर यौन संबंधों के दावे सामने आ जाएंगे।
पिछले साल जब अभियोग चलाने की अनुमति दी गई थी तब पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि उनको राजनीतिक बदले की कार्रवाई और अगले चुनाव लड़ने से रोकने के लिए यह किया जा रहा है।
ट्रम्प ने व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के 34 गंभीर मामलों में खुद को निर्दोष बताया है। यह आरोप ट्रम्प की कंपनी द्वारा कोहेन को किए गए 130,000 डॉलर के भुगतान पर केन्द्रित है। उन्होंने चुनाव से एक महीने पहले डैनियल्स को एक दशक पहले यौन संबंध के दावों को सार्वजनिक होने से रोकने के लिए ट्रम्प की ओर से उस राशि का भुगतान किया था।
अभियोजकों का कहना है कि कोहेन को किए गए भुगतान को उनके वास्तविक उद्देश्य को छुपाने के लिए कानूनी शुल्क के रूप में गलत तरीके से दर्ज किया गया था। ट्रम्प के वकीलों का कहना है कि वे कानूनी खर्च थे, कोई लीपापोती नहीं हुई।
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बता दें कि डोनल्ड ट्रंप वो सख्स हैं जिन्होंने राष्ट्रपति रहने के दौरान दो बार महाभियोगों का सामना किया। उनपर कैपिटल हिल बिल्डिंग में हिंसा के लिए आरोप लगाए गए। पिछले साल यूएस कैपिटल पर भीड़ के हमले की जांच कर रहे एक कांग्रेस पैनल ने कहा था कि तब चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने सत्ता में बनने रहने के लिए तख्तापलट की कोशिश की थी। इसने यह भी कहा था कि तब ट्रंप ने अपने कथित भड़काऊ बयान से अपने समर्थकों की भीड़ को इकट्ठा किया और 'हमले के लिए भड़काया'।
बता दें कि 6 जनवरी 2021 को चुनाव में डोनल्ड ट्रंप के हार न मानने के कारण हिंसा हुई थी। उसमें कम से कम 5 लोग मारे गए थे और कई घायल भी हुए थे।
दरअसल, यह घटना तब हुई थी जब यूएस हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट ने इलेक्टोरल कॉलेज के परिणामों के प्रमाणन पर विचार करने के लिए एक संयुक्त सत्र बुलाया था। इसमें पता चल रहा था कि डेमोक्रेट जो बाइडन ने डोनल्ड ट्रम्प को हरा दिया। लेकिन शुरुआती चुनाव नतीजों के बाद से ही हार नहीं मानने पर अड़े ट्रंप ने वाशिंगटन में अपने समर्थकों की एक रैली की थी और कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि 'हम कभी हार नहीं मानेंगे।' उन्होंने भीड़ को भड़काते हुए कहा था, 'आप कमज़ोरी से अपना देश फिर हासिल नहीं कर सकते।' ट्रंप ने भीड़ को कैपिटल बिल्डिंग की ओर कूच करने को कहा था। ट्रंप के भाषण के बाद ही उनके समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की और हिंसात्मक प्रदर्शन किया था।
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