दक्षिण भारत में बदल रही राजनीति. मोदी-शाह के ख़िलाफ़ खोला जा रहा है बड़ा मोर्चा. क्या चंद्रबाबू नायडू इसमें शामिल न होकर अपनी राजनीति खत्म कर लेंगे? क्यों नायडू बीजेपी के साथ रहकर अपनी राजनीति को बट्टा लगा रहे हैं? क्या है नायडू के मजबूरी? नायडू-नीतीश का हाल नवीन पटनायक जैसे होने वाला है? वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष समझा रहे हैं क्यों नायडू हैं बीजेपी के साथ और क्या है मजबूरी?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।