चार साल पुराने वाट्सऐप के आधार पर दीपिका को NCB का सम्मन क्या एक षड्यंत्र है? क्या फ़िल्म इंडस्ट्री की आवाज़ को दबाया जा रहा है? मशहूर वकील आभा सिंह से आशुतोष की बेबाक़ बातचीत।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।