बीजेपी में मोदी की इच्छा के बग़ैर पत्ता भी नहीं हिलता। मुख़ालफ़त तो बहुत दूर की बात है। फिर भी एक नेता है। कौन है ये नेता। देखें।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।