आमतौर पर टीवी, अख़बारों, प्रचार माध्यमों बिलबोर्डों में छाये रहने वाले मोदी कोरोना के संकट में क्यों ग़ायब हो गये ? लंदन की मशहूर पत्रिका द इकानामिस्ट ने ये सवाल पूछा है । आशुतोष के साथ चर्चा में शिवकांत, हरि कुमार, कार्तिकेय बत्रा और तुहिन सिन्हा ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।